बरेली। संतकबीर दास की जयंती पर आयोजित गोष्ठी और सम्मान समारोह में विशिष्ट अतिथि सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि कबीर ने हमेशा मानव को प्रेम का धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया। वह सामाजिक सद्भाव के पक्षधर थे। इस अवसर पर केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद द्वारा प्रदत्त शब्द शिरोमणि सम्मान सुरेश बाबू मिश्रा को प्रदान किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन प्रभातनगर में निरुपमा अग्रवाल के निवास पर किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए नवगीतकार रमेश गौतम ने कहा कि कबीर के दोहों में ही पूरा जीवन दर्शन है। उन्होंने “कबिरा खड़ा बाजार में मांगे सबकी खैर, न काहू से दोस्ती न काहू से बैर” में बहुत कुछ कह दिया। निर्भय सक्सेना ने कहा कि कबीर ने समाज के आडम्बरों और रूढ़ियों पर जमकर प्रहार किए।

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. रंजन विशद ने सरस्वती वंदना से किया। उन्होंने कबीर के दोहों का वाचन भी किया। कहानीकार ज्योत्स्ना कपिल ने कहा कि कबीर के दोहे 700 साल बाद भी प्रासंगिक हैं। साहित्यकार निरुपमा अग्रवाल ने सभी का औपचारिक स्वागत किया।

इस अवसर पर केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद द्वारा प्रदत्त शब्द शिरोमणि सम्मान साहित्य भूषण से सम्मानित साहित्यकार सुरेश बाबू मिश्रा को ससम्मान प्रदान किया गया। माल्यार्पण के पश्चात उनको प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

कार्यक्रम का संचालन क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने किया। आभार महासचिव अभय सिंह भटनागर ने व्यक्त किया।

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