बरेली। एसवी समूह द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पर्यावरण गतिविधि विक्रम नगर के सौजन्य से आयोजित ईको ब्रिक्स कार्यशाला में बच्चों को ऑफ़लाइन व ऑनलाइन तरीक़े से प्लास्टिक एवं पॉलीथिन के दुष्प्रभावों और हमारे पर्यावरण को होने वाले नुक़सान के बारे में बताया गया। कार्यशाला में एसएसवी पब्लिक स्कूल और एसएसवी इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस दौरान विद्यार्थियों द्वारा बनायी गई ईको ब्रिक्स का प्रदर्शन भी किया गया ।
प्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा ने बताया कि अक्सर लोग पानी या कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलें और चिप्स-कुरकुरे के खाली रैपर इधर-उधर फेंक देते हैं। तमाम पाबंदियों के बावजूद पॉलीथिन का इस्तेमाल भी पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। प्लास्टिक का कचरा न केवल पर्यावरण बल्कि जमीन को भी नुकसान पहुंचा रहा है। जमीन में दबा देने पर भी इसे गलने में सैकड़ों वर्ष लग जाते हैं। वहीं जलाने पर यह हानिकारक गैस बनाता है। ऐसे में यह प्लास्टिक कचरे के निस्तारण का एक नायाब तरीका है जिससे अब हम इस सबको ईको ब्रिक्स में तब्दील कर निर्माण कार्यों में इस्तेमाल कर सकते हैं।
चेयरमैन व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विक्रम नगर के पर्यावरण प्रमुख साकेत सुधांशु शर्मा ने बताया कि ईको ब्रिक बनाने के लिए प्लास्टिक की खाली बेकार बोतलों की जरूरत होती है। इन बोतलों में प्लास्टिक वेस्ट भरना और एक बार संकुचित करना होता है। ऐसा करने से एक ठोस उत्पाद तैयार हो जाता है, जो काफी मजबूत होता है। इन्हें ईंटों की जगह इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह प्लास्टिक के कचरे के खिलाफ लड़ऩे में भी मददगार है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पर्यावरण गतिविधि विभाग संयोजक धर्मेंद्र सचान ने कहा कि तमाम स्तरों पर पर्यावरण संरक्षण की बात तो होती है लेकिन अभी भी एक बड़ा तबका इसे लेकर संजीदा नहीं है। इस अभियान का मकसद यही है कि लोग जागरूक हों और इस काम में भागीदारी करें।
इस दौरान कार्यक्रम अधिकारी अंजलि शर्मा, धर्मेंद्र सचान, पल्लवी, वैशाली, नीता, अंजली, साक्षी, कोमल, पंकज, सर्वेश, मोहन स्वरूप, प्रदीप,सौरभ, मोनू, राकेश आदि उपस्थित रहे।