बरेली प्रस्तावित कुतुबखाना पुल के साथ ही अगर कुतुबखाना सब्जीमंडी में लखनऊ के हजरतगंज के जनपथ मार्केट की तर्ज पर मल्टीस्टोरी कॉम्प्लेक्स बनाकर प्रभावित दुकानदारों को जगह मिल जाए तो पुल भी बन जाएगा और वाहन पार्किंग की भी समस्या हल हो जाएगी। बरेली तो स्मार्ट सिटी घोषित हो गया पर शहर में कहीं भी स्थायी वाहन पार्किंग नहीं होने का खमियाजा आम जनता को रोज भुगतना पड़ रहा है। श्यामगंज हो या कलेक्ट्रेट या कुतुबखाना, मुख्य बाजारों में आड़े-तिरछे खड़े वाहनों का जमावड़ा रहता है। यही हाल कचहरी, कोर्ट परिसर एवं जेल रोड का है।

समाजसेवी एवं पत्रकार संगठन उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष निर्भय सक्सेना ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे मेल में कहा है कि बरेली जैसे स्मार्ट सिटी में कुछ अधिकारी बिना किसी ठोस योजना के केवल सरकारी धनराशि ठिकाने लगाने की ही जोड़-तोड़ में रहते हैं। ये अधिकारी जनता को सहूलियत देने वाली परियोजनाओं एवं राजनेताओं की उपेक्षा कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी में अभी तक नियमित वाहन पार्किंग की योजना तक नहीं बन सकी है, जो बनी भी है वह कामचलाऊ ही है। ऐसा होना जन सुविधाओं की उपेक्षा वाली मानसिकता दर्शाता है। कचहरी के तहसील परिसर, जेल रोड, अतिक्रमण से पटी कुतुबखाना सब्जी मंडी (कुतुबखाना स्लाटर/मीट बाजार भी), श्यामगंज सब्जी मंडी, तिलक इंटर क़ॉलेज और राजकीय इंटर कॉलेज के पास अगर दिल्ली और लख़नऊ, की तर्ज पर मल्टी स्टोरी पार्किंग और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स सरकारी या पीपी मोड़ में बन जाए तो वाहन पार्किंग की समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती है। साथ ही नगर निगम की आय भी बढ़ेगी। स्मरण रहे, कुतुबखाना की थोक सब्जी-फल मंडी 35 साल पूर्व डेलापीर जा चुकी है।

मेल में कहा गया है कि डेलापीर, कुतुबखाना एवं सुभाष नगर में भी उपरगामी पुल बनाने का दावा श्यामगंज पुल की तर्ज पर किया गया था। फिलहाल कुतुबखाना उपरिगामी पुल निर्माण की प्रक्रिया कुछ आगे बढ़ती लग रही है लेकिन सुभाष नगर और डेलापीर उपरिगामी पुलों की फ़ाइल कहीं दबी पड़ी हैं। मेल में यह भी कहा गया है कि सिटी श्मशान भूमि रेलवे क्रॉसिंग, हार्टमैन एवं चौपला के पुराने रेल क्रॉसिंग पर अंडरपास बनने से जाम की समस्या काफी हद तक हल हो सकती है। जिला अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर बन जाए तो इसके दोनों भागों को जोड़ने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

भारत सेवा ट्रस्ट वाली सड़क, प्रेमनगर-धर्मकांटा रोड, केके हॉस्पिटल रोड, आईवीआरआई रोड, सिटी स्टेशन रोड, अलखनाथ रोड, श्यामगंज पुल के नीचे की रोड और नालियों सहित शहर की तमाम सड़कें बदहाल हैं। बिजली की ‘स्काडा योजना’ की तरह अब सीवर लाइन बिछाने के कार्य पर भी अंगुली उठ रही थी ।

मेल में कहा गया है कि आजकल बनारस में मल्टीस्टोरी पार्किंग का निर्माण कार्य तेजी से चल ही रहा है। ऐसा ही बरेली में भी किया जाए। साथ ही जनहित में बरेली विकास प्राधिकरण का कार्यालय नगर निगम परिसर में ही होना चाहिए।    

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