बरेली। धूमपान निषेध दिवस पर महिलाओं को धूमपान न करने और न करने देने की प्रतिज्ञा दिलाई गई। साथ ही सिगरेट-बीड़ी आदि तंबाकू युक्त पदार्थों के सेवन से होने वाली हानियां और इनको छोड़ने से होने वाले लाभ भी बताए गए।

सामाजिक संस्था जगवीर पाल सिंह तोमर शिक्षा समिति के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में बताया गया कि धूमपान छोड़ने के 20 मिनट बाद रक्तचाप और हृदय गति सामान्य हो जाती है। धूमपान छोड़ने के 3 से 9 महीने बाद फेफड़े 10% अधिक क्षमता से कार्य करने लगते हैं और अंगों में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है। धूमपान छोड़ने के 12 से 60 महीने बाद हृदय रोगों का जोखिम आधा हो जाता है। धूमपान छोड़ने के 72 घंटे बाद सांस लेना आसान हो जाता है। धूमपान छोड़ने के 15 वर्ष बाद हार्ट अटैक और लकवा का जोखिम उतना ही होता है जितना कभी भी धूम्पान न करने वाले व्यक्ति में होता है। इसलिए प्रतिज्ञा करें कि हम न तो स्वयं धूमपान करेंगे और न ही किसी अन्य को धूमपान करने देंगे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके गर्ग और जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ आरएन गिरी के आह्वान पर आयोजित कार्यक्रम में गीता, ज्योति, लक्ष्मी, सविता रानी, मीनाक्षी, पूजा, नीतू,  आरती सहित दर्जनों महिलाएं शामिल हुईं। कार्यक्रम का संचालन समिति के प्रदेश अध्यक्ष अमित तोमर एडवोकेट ने बताया कि तंबाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 की धारा 4 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थान पर धूमपान करना अपराध है जिसमें जुर्माना और अर्थदंड दोनों का प्रावधान है।

 

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