-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के दो पद भी लंबे समय से चल रहे हैं रिक्त

-राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं ने किया अस्पताल का घेराव किया

बरेली लाइव न्यूज नेटवर्क, फरीदपुर (बरेली)। राजकीय पशु चिकित्सालय, फरीदपुर में विगत तीन वर्ष से भी अधिक समय से फार्मासिस्ट न होने के कारण क्षेत्र के 45 हजार जानवरों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) कार्यकर्ताओं ने इसके विरोध में शनिवार को अस्पताल का घेराव किया और मांग की कि फार्मासिस्ट को शीघ्र अस्पताल में भेजा जाए जिससे कि पशुओं का इलाज समय पर हो सके और उनको पीड़ा न उठानी पड़े।

गौरतलब है कि इस अस्पताल में वर्ष 2018 से फार्मासिस्ट नहीं है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के दो पद भी रिक्त चल रहे हैं।  

अस्पताल पर पहुंचे रालोद नेताओं से इस बावत अस्पताल में उपस्थित पशुधन प्रसार अधिकारी सुशील कुमार सिंह से वार्ता। पशुधन प्रसार अधिकारी ने बताया कि कई बार स्थानीय स्तर पर फार्मासिस्ट सहित अन्य पदों को भरने की मांग की जा चुकी है। उधर उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण कुमार वर्मा ने बरेली लाइव संवाददाता को फोन पर बताया की 2018 से रिक्त चल रहे फार्मासिस्ट के पद पर नई तैनाती के बारे में कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।

जानकारी के अनुसार संविदा चालक सत्यवीर सिंह पशुओं का वैक्सीनेशन करते हैं। मौके पर उपस्थित एक स्टाफ ने दावा किया कि सत्यवीर सिंह को इसका बहुत अनुभव है। उधर अस्पताल में लगे बोर्ड पर वर्षों पुराने अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम और फोन नंबर दर्ज हैं जिनको आज तक नहीं बदला गया है। इस कारण भी किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। फार्मासिस्ट न होने के कारण कृत्रिम गर्भाधान केंद्र पर पशुओं को लाने वाले किसानों में रोष व्याप्त है।

खानपुर से आए किसान हरद्वारी लाल ने आरोप लगाया कि उनके गांव पहुंची भुता विकासखंड की मेडिकल की टीम द्वारा प्रति पशु अलग से रुपयों की मांग की गई। इस कारण वह अपने पशुओं को दवा नहीं दिलवा सका। उसका यह भी कहना था कि उसके तथा सुरेश, अवधेश आदि के जानवरों की इलाज के अभाव में मौत हो चुकी है। रालोद कार्यकताओं का कहना था कि तहसील क्षेत्र में जानवरों में खुरपका, मुंहपका आदि रोग फैल रहे हैं और वैक्सीनेशन के नाम पर खानापूरी की जा रही है।

राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारियों ने कहा कि हर स्तर पर पशुओं का टीकाकरण शीघ्र किया जाए जिससे कि उनकी जान बच सके। उनका कहना था कि खानपुर में कुछ दिन पूर्व मनोज के घर पर भुता विकासखंड से एक टीम पहुंची थी जिस पर रुपये मांगने का आरोप लगा है। रजनापुर गांव के किसान ने कहा कि उसके पास 15 पशु हैं। फोन करने के बाद भी पशुओं का वैक्सीनेशन नहीं किया गया। इस पर रजनापुर के पैरावेट उमेश पाल सिंह ने बताया कि जब उनको फोन किया गया था तब वैक्सीन उपलब्ध नहीं थी। अब उपलब्द है और लगा दी जाएगी। राष्ट्रीय लोकदल के विधानसभा क्षेत्र प्रभारी नौरंग सिंह यादव ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही फार्मासिस्ट को राजकीय पशु चिकित्सालय फरीदपुर में नहीं भेजा गया तो आंदोलन किया जाएगा।

-फरीदपुर से अमित तोमर की रिपोर्ट

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