बरेली। भारत के वीर शहीदों के बलिदान को आज का युवा ख़ुद में कितना आत्मसात किए हुए है और ख़ुद को राष्ट् की मुख्यधारा में कितना शामिल मानता है, इसकी बानगी शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा मनाये गए स्वतंत्रता के राष्ट्रीय अमृत महोत्सव में दिखाई दी। अपने भाषण और स्लोगनों द्वारा शहर के विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में विविध रंग भर दिए।

अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के सभागार में योजित भाषण और स्लोगन प्रतियोगिता बरेली के 20 महाविद्यालयों के तकरीबन 120 विद्याथियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सह प्रान्त प्रचारक (बृज प्रान्त) धर्मेन्द्र रहे। कार्यक्रम के संयोजन एवं मंच संचालन में मनीष अग्रवाल (नाइस) की प्रमुख भूमिका रही।

अन्य गणमान्य अतिथियों में राधेश्याम (क्षेत्रीय छात्रावास प्रमुख), प्रान्त प्रचारक विक्रान्त, डॉ प्रवीण तिवारी (शिक्षा विभाग रूहेलखंड यूनिवर्सिटी), डॉ मनोज कांडपाल (सह संयोजक), डॉ मनीष वार्ष्णेय (सह संयोजक), रवि रस्तोगी, डॉ वीरेन्द्र सिंह, पार्षद विकास शर्मा, गुलशन आनंद, अतुल कपूर, पवन अरोड़ा रहे। जज की भूमिका डॉ एनएन पाण्डेय, डॉ नीतू मेहरोत्रा, डॉ आरके सिंह और डॉ केके सिंह ने निभाई।

भाषण प्रतियोगिता के विषय थे स्वतंत्रता संग्राम एक जनसंघर्ष, स्वतंत्रता एवं राष्ट्रीय चरित्र, 1857 का स्वतंत्रता समर, स्वतंत्रता में आज़ाद हिंद फ़ौज़ का योगदान और आज़ादी के भूले-बिसरे नाम। स्लोगन का विषय था- भारत के वीर शहीद।

भाषण प्रतियोगिता जीतने वाले विद्यार्थी

अमित नगरकोटी (अग्रसेन कॉलेज) प्रथम पुरस्कार, वैशाली विष्ट ( प्रेम प्रकाश गुप्ता कॉलेज) द्वितीय पुरुस्कार, केशव अग्रवाल (राजश्री कॉलेज) तृतीय पुरुस्कार एवं सांत्वना पुरस्कार ज्योति, देवाशी और हिमानी अग्रवाल (अग्रसेन कॉलेज), रश्मि सिंह (खंडेलवाल कॉलेज), साक्षी गंगवार और हिना नूर (जेपीएम कॉलेज)।

स्लोगन प्रतियोगिता के विजेता

पूजा गंगवार( जेपीएम कॉलेज) प्रथम, कृतिका (अग्रसेन कॉलेज) द्वितीय, स्वेता (खंडेलवाल कॉलेज) तृतीय। सांत्वना पुरस्कार चांदनी खान (पीपी गुप्ता कॉलेज), अवधेश (मस्कट कॉलेज), साक्षी (सिद्धिविनायक कॉलेज), रूबी यादव (फ्यूचर कॉलेज) और विमल उपाध्याय( उत्कर्ष कॉलेज)।

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