आंवला (बरेली)। मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल इस उद्देश्य से लॉन्च किया गया था कि आम आदमी की कोई शिकायत आने पर संबंधित विभागों द्वार उसका समय पर निस्तारण कर इस पोर्टल पर उसकी जानकारी अपलोड की जाएगी। लेकिन, यहां भी शिकायतों के निस्तारण की गलत जानकारी डाली जा रही है। ऐसा ही आंवला नगर क्षेत्र के एक मामले में हुआ है, जिसमें मौके पर अवैध कब्जेदार काबिज है पर जिलाधिकारी को भेजी रिपोर्ट में शिकायत का निस्तारण कर दिए जाने की जानकारी दी गई है।
80 साल की सरला जौहरी ने बताया कि उनका एक मकान चाचा नेहरू इंटर कॉलेज के समीप था जिसे उन्होंने 8 वर्ष पूर्व एक व्यक्ति को बेच दिया था। इसी मकान के पास एक चबूतरा है जिसको उन्होंने अपने पास ही रखा। इस चबूतरे का उपयोग आसपास के लोग किया करते थे। पालिका द्वारा दो दशक पूर्व उक्त चबूतरे पर पक्का खडंजा भी डलवाया गया था। इस चबूतरे पर उक्त मकान क्रेता द्वारा बैरीकेटिंग कर कब्जा कर लिया गया है। इससे आम लोगों को काफी परेशानी होने लगी है। उक्त दबंग आसपास लोगों को उक्त स्थान पर फटकने तक नहीं देता।
सरला जौहरी ने बताया कि इस अवैध कब्जे की शिकायत दो महीने पहले उपजिलाधिकारी तथा ईओ नगर पालिका से की गई लेकिन राजनीतिक दबाब के चलते कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। इस पर उन्होंने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज की। इसके बाद भी संबंधित अधिकारियों ने कब्जा नहीं हटवाया। इसके बजाए पालिका के ईओ की तरफ से बीते 6 अप्रैल को जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में बैरिकेटिंग हटाने की जानकारी दी गई। हकीकत तो यह है कि चबूतरे पर दबंग का कब्जा बरकरार है और वह वैरीकेंटिंग कर उसका निजी संपत्ति की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
बरेली लाइव ने जब इस मामले में अधिशासी अधिकारी (ईओ) से बात की तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। गौरतलब है कि बरेली लाइव ने 13 फरवरी 2021 को भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।
चबूतरे पर दबंग द्वारा जंजीर बांधकर किया गया कब्जा (ऊपर) तथा ईओ का जिलाधिकारी/प्रभारी अधिकारी को भेजा गया वह पत्र जिसमें कब्जा हटवा दिए जाने की जानकारी दी गई है (नीचे)।