बरेली। आगरा विश्वविद्यालय के नाम पर बनाई गई बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले 4 में से 3 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। एक शिक्षक ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बरेली विनय कुमार से एक सप्ताह का समय मांगा है। इसके बाद उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। ये शिक्षक दमखोदा, शेरगढ़, मझगवां और रामनगर ब्लॉक में तैनात थे। प्रदेश में फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी पाने वाले शिक्षकों का मामला उछला तो एसआईटी ने इस मामले की जांच की थी। कुछ दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐसे शिक्षकों को राहत देने से इन्कार कर दिया था।

गौरतलब है कि वर्ष 2004-05 में डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में बीएड घोटाला हुआ था। इस वर्ष इस विश्वविद्यालय से 8132 छात्र-छात्राओं ने बीएड की परीक्षा दी थी लेकिन फर्जीवाड़ा कर 11132 छात्र-छात्राओं की मार्कशीट जारी कर दी गई। प्रारंभिक जांच में बरेली में 32 शिक्षक ऐसे मिले जिन्होंने उसी वर्ष इसी विश्वविद्यालय से बीएड किया था। इस पर इन सभी की मार्कशीट की जांच कराई गई जिसमें 6 शिक्षक फर्जी डिग्री वाले मिले। इस पर शासन ने कार्रवाई के आदेश दिए। कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होने पर पता चला कि इनमें से 2 शिक्षकों ने अपना तबादला क्रमशः हाथरस और मैनपुरी करा लिया है। इस तरह बरेली में ऐसे 4 शिक्षक बचे थे जो फर्जी मार्कशीट पर नौकरी कर रहे थे। इसमें से 3 की नौकरी वर्ष 2009 में और एक की सन् 2015 में लगी थी। बीएसए की तरफ से शिक्षकों को भेजे गए नोटिस का जब जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो इनकी सेवाएं समाप्त करने के आदेश शासन से जारी हुए।

बीएसए विनय कुमार ने तीन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त किए जाने की पुष्टि का है। उनका कहना है कि एक शिक्षक ने समय मांगा है। एक सप्ताह बाद उसका जवाब सुनने के आधार पर कार्रवाई की जाएगी

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