बरेली। एसआरएम राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज बरेली में चल रहे ट्राजिसनल क्यरीक्यूलम कार्यक्रम में डॉ. डीके द्विवेदी ने कहा कि आयुर्वेद ही सर्जरी का जनक है और केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद विशेषज्ञों को भी वर्तमान में सर्जरी करने की अनुमति दे दी गई है।
प्रो. चन्द्रशेखर बांगरवार ने छात्रों को किसी भी संस्था के मानकों का सत्यापन करने वाली नैक एवं एनएबीएच संस्थाओं की कार्यशैली के बारे में जानकारी दी। पीलीभीत के डॉ अरविन्द गुप्ता ने आयुर्वेद को स्वर्ग से प्राप्त धरोहर बताया जिसमें वर्णित आहार, निद्रा एवं ब्रह्मचर्य का पालन करने से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। डॉ अतुल कुमार ने भारत सरकार की टीकेडीएल संस्था द्वारा आयुर्वेद के औषधि फार्म्युलेशन एवं टैस्ट को डिजिटल करने के कार्य के बारे में जानकारी दी। डॉ. योगेश कुमार ने बताया कि ट्राजिसनल क्यरीक्यूलम के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं के ज्ञानार्जन के लिए आयुर्वेद कटलेज, चिकित्सालय, फ़ार्मेसी एवं औषधि उद्यान का भ्रमण कराने को एक टूर भी आर्गनाइज किया गया है।