आंवला (बरेली)। आस्था किसी की मोहताज नहीं होती। श्रद्धा-भक्ति है तो सुदामा का तंदुल ही प्रभु के लिए सबसे बड़ा भोग-प्रसाद है। श्रीराम मंदिर धनसंग्रह अभियान के दौरान शुक्रवार को यह फिर साबित हो गया कि आस्था के आगे अमीरी-गरीबी के कोई मायने नहीं है। आस्था है कि गरीब भी भामाशाह बन जाता है। यहां बात हो रही है सब्जी का ठेला लगाने वाले रामबहादुर की जिन्होंने श्रीराम मंदिर धनसंग्रह अभियान के तहत निधि संग्रह के लिए निकली टोली को आवाज देकर न केवल रोका बल्कि राम मंदिर में अपने योगदान के तौर पर 100 रुपये का कूपन भी लिया।
भाव विभोर कर देने वाली यह घटना तब हुई धनसंग्रह अभियान पर निकली रामदूतों की टोली पुरैना जीप स्टैंड पहुंची। रामबहादुर ने यह कहते हुई अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा यानी 100 रुपये यह कहते हुए समर्पित कर दिए कि हम सब का सौभाग्य है कि 500 साल की लम्बी लडाई और असंख्य बलिदान के बाद हम अपनी आंखों से रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण देखेंगे।
इस दौरान पालिका चेयरमैन संजीव सक्सेना,वीर सिंह पाल,अनिल गेरा आदि मौजूद थे।