BareillyLive. बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के ऐलान पर आज इस्लामिया कॉलेज के मैदान पर विरोध प्रदर्शन में भारी तादात में इस्लाम के अनुयायी शामिल हुए। इस दौरान मौलाना तौकीर रजा खान ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को इस्लाम समझने के लिए कलमा पढ़ने का सुझाव डे डाला। कहा कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इस्लाम अपना लेना चाहिए। बोले-देश में मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा और वो यह बात पूरी दुनिया को बताएंगे।
पैगंबर इस्लाम की शान में गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ रविवार को इस्लामिक ग्राउंड में आयोजित यौमे दुरूद कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मौलाना तौकीर रजा और तमाम उलेमा ने दुरुद शरीफ पढ़ा। आवाम से अपील कि पैगंबर इस्लाम की शान में मोहब्बत का नजराना पेश करें।
मौलाना तौकीर ने नूपुर शर्मा की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। बोले-जो विरोध प्रदर्शन आज किया जा रहा है वो 10 या 17 तारीख को भी हो सकता था। हम जुमे से डरते नहीं बल्कि हम हर दिन तैयार हैं। मौलाना ने प्रशासनिक अफसरों को बिना ज्ञापन दिए कार्यक्रम को खत्म कर दिया। साथ ही मौलाना ने ख़ामोशी के साथ अपने अपने घरों जाने की अपील की।
बता दें कि इस्लामियां कॉलेज में प्रदर्शन में एकत्र हुई भीड़ के आने-जाने के कारण शहर में जाम की स्थिति बनी रही।
मुस्तैद रहा पुलिस प्रशासन, पसरा रहा सन्नाटा
भाजपा की निर्वतमान प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को किये गये विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा। संवेदनशील इलाकों के साथ ही पुलिस शहर के चप्पे-चप्पे पर तैनात रही। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। लोग दिनभर आशंका में रहे। फल-ठेले वाले गायब रहे।
ऐसी रही सुरक्षा व्यवस्था
इस्लामिया कॉलेज में आज प्रदर्शन के दौरान पांच एडिशनल एएसपी, 10 सीओ, 50 इंस्पेक्टर, 300 सब-इंस्पेक्टर, लगभग 1500 कांस्टेबल ड्यूटी पर तैनात रहे। इसके अलावा सात कंपनी पीएसी, दो कंपनी आरएएफ यानि रैपिड एक्शन फोर्स इस्लामिया मैदान में लगाई गईं। वहीं इस्लामिया इंटर कालेज मैदान के सभी रास्तों पर पुलिस तैनात रही थी। आसपास के रास्तों को बंद कर दिया गया था।
ड्रोन कैमरों से भी की गई निगरानी
विरोध प्रदर्शन के दौरान कोई उपद्रव न हो इसके लिए पुलिस की पूरी तैयारी थी। पुलिस विभाग ने शहर पर निगरानी रखने के लिए पांच ड्रोन कैमरों को लगाया था। इस्लामिया कॉलेज मैदान में दो ड्रोन कैमरे लगाकर आसमान से भी निगरानी की गई। तीन ड्रोन कैमरों को अतिसंवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया था।