Supreme Court : बरेली जिला कोर्ट ने बरेली दंगे (Bareilly Riots 2010) के आरोपी मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ वारंट जारी कर उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया था। कई बार पुलिस उनके घर भी गई थी, लेकिन वे वहां नहीं मिले थे।
Supreme Court On Bareilly Riots 2010: बरेली दंगे (Bareilly Riots 2010) के आरोपी मौलाना तौकीर रजा को सुप्रीम कोर्ट ने ईद पूर्व संध्या पर बड़ी राहत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सेशन कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के वकील असद अल्वी के अनुसार “सुप्रीम कोर्ट में बरेली दंगे में मौलाना तौकीर की गिरफ्तारी के मामले की सुनवाई जस्टिस एसएस सुंदरेश और जस्टिस एसवीएन भाटी की बेंच ने की।“ सुप्रीम कोर्ट के स्टे आर्डर के बाद अब तौकीर रजा की गिरफ्तारी और उनके घर की कुर्की नहीं होगी।
जिला कोर्ट ने घोषित किया था भगोड़ा
बता दें कि मौलाना तौकीर रजा खान के खिलाफ 3 एनबीडब्ल्यू यानी गैर जमानती वारंट जारी हो चुके थे। जिला कोर्ट ने तौफीर रजा ने को भगोड़ा घोषित किया था। बरेली दंगे के आरोपी तौकीर रजा 9 अप्रैल को हुए जिला कोर्ट में सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हुए। इससे पहले भी वे कोर्ट के सामने पेश होने से बचते रहे। इससे नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने मौलान तौकीर रजा के घर पर नटिस चस्पा कर दिया था।
दिया गया था कोर्ट में पेश होने का आदेश
पिछले महीने बरेली फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मौलाना तौकीर रजा खान के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया था। एडीजे रवि कुमार दिवाकर ने मौलाना तौकीर के खिलाफ वारंट जारी किया और सीओ सिटी-प्रथम को उन्हें गिरफ्तार करके 13 मार्च तक कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस जब तौकीर रजा के घर पर पहुंची तो उनका घर बंद पाया गया था। पुलिस के अनुसार मौलाना तौकीर रजा के पड़ोसियों ने उन्हें सूचित किया था कि वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ दिल्ले में थे।
बता दें कि सन 2010 में बरेली में दंगा भड़का था। इस दंगे में दंगाइयों ने कुतुबखाना बाजार चौराहे के पास सब्जी बाजार में 20 दुकानों को आग लगा दी थी। इस मामले में सुनवाई के दौरान जिला कोर्ट ने कहा था कि तौफीर रजा खान के खिलाफ पर्याप्त सबूतों के बावजूद उस समय बरेली के सीनियर ऑफिसर, डीआईजी, जिला मजिस्ट्रेट, आईजी और एसएसपी ने उनके खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं किया था।