GSTबरेली। बरेली होलसेल कपड़ा कमेटी के आह्वान पर कपड़ा कारोबारी जीएसटी के विरोध में सड़कों पर उतर आये। सोमवार को बाजार बंद कर जुलूस निकाला और प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री को संबोधित चार सूत्रीय ज्ञापन असिस्टेंट कमिश्नर को सौंपा। एक अनुमान के अनुसार इस बंद से करीब 100 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ। व्यापारियों ने ऐलान किया है कि अगर मांग नहीं मानी गयी तो पहली जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।

थोक कपड़ा व्यापारी दोपहर एक बजे जगत टॉकीज कार्यालय पर एकत्र हुए। वहां जुलूस के रूप में जिला अस्पताल मार्ग, अयूब खां चैराहा होते हुए आयकर भवन पहुंचे। इस दौरान व्यापारियों ने केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ये लोग हाथों में जीएसटी के विरुद्ध बैनर लिये चल रहे थे। इसके साथ ही विरोध प्रदर्शित करते हुए एप्रेन पहन रखे थे।

आयकर भवन पहुंचकर इन लोगों ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन असिस्टेण्ट कमिश्नर को सौंपा। ज्ञापन में कहा है कि जीएसटी लगने पर कंप्यूटर व एकाउटेंट रखने से व्यापारियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। कपड़ा व्यवसाय ग्रीष्म व शरद ऋतु में अलग-अलग होता है। ऐसे में यदि उसी सीजन में कपड़ा ब्रिकी नहीं हुआ तो अगले वर्ष ब्रिकी करना पड़ेगा और इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा।

जीएसटी में कितने मीटर कपड़ा किस मूल्य पर खरीदा गया और कितना मीटर ब्रिकी हुआ, यह बताना पड़ेगा। जबकि ग्राहक द्वारा एक मीटर कपड़ा खरीदने पर एक मीटर से अधिक काटकर दिया जाता है। इससे कटाई के समय कपड़े की लंबाई छोटी रह जाएगी। ऐसे में कपड़ा व्यापारियों पर टैक्स चोरी के आरोप लगेंगे और कपड़ा कारोबार में गिरावट आएगी। बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। व्यवसाई व कर्मचारी आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे।

बंद में कमेटी अध्यक्ष अनुपम कपूर, रघुनाथ कपूर, रमेश खनीजो, पंकज आनंद, प्रवीण जैन सुनील मलिक, अमरजीत सिंह, राजीव अरोड़ा, गोपाल मल्होत्र, पीयूष मिश्र, रामदयाल, जगदीप अरोड़ा, भूपेंद्र अरोड़ा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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