बरेली। कलक्टरबकगंज (सीबीगंज) के पास लाल सिग्नल जंप कर हजारों रेलयात्रियों की जिंदगी खतरे में डालने वाले काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को निलंबित कर दिया गया है। शुक्रवार को देर रात तक चली संयुक्त समिति की जांच रिपोर्ट में पूरे मामले में चालकों को दोषी पाया गया जिसके बाद वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता भारत भूषण हरित ने चालाकों पर निलंबन की कार्रवाई की है।

शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे मुरादाबाद स्टेशन से काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस पर लोको पायलट एसपी पांडेय ऑन ड्यूटी हुए थे। साथ में सहायक लोको पायलट प्रमोद सोनकर भी थे। वहां से रवाना होने के बाद कलक्टरबकगंज स्टेशन के होम सिग्नल पर ट्रेन को सात मिनट का ठहराव दिया गया था। जांच रिपोर्ट में माना जा रहा है कि होम सिग्नल से स्टार्टर सिग्नल की दूरी अधिक नहीं है। इसलिए ट्रेन ओवर स्पीड नहीं रही होगी। अगर ट्रेन की गति तेज होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। लोको पायलट एसपी पांडेय की जरा सी चूक उस समय हजारों यात्रियों के लिए भारी पड़ सकती थी जब ट्रेन लाल सिग्नल को पार कर चुकी थी। सहायक लोको पायलट प्रमोद कुमार सोनी के साथ पांडेय ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को कंट्रोल तो कर लिया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और इंजन लाल सिग्नल से 10 मीटर आगे निकल चुका था।

मामले की जानकारी होने पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों में हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी तुरंत उच्चाधिकारियों को भी दी गई। इस पर लोको पायलट पांडेय की ड्यूटी शाहजहांपुर स्टेशन पर ऑफ कर रोजा जंक्शन से दूसरा चालक भेजा गया जो ट्रेन को आगे लेकर गया। मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट सप्ताह भर में मांगी गई है।

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