बरेली। बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र में पीलीभीत हाइवे पर स्थित रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के बाहर मजार को हटाने को लेकर आए नोटिस को लेकर बुधवार को हंगामा खड़ा हो गया। इसके विरोध में सैकड़ों की संख्या में आज सुबह समुदाय विशेष के लोग मौके पर एकजुट हो गये और नारेबाजी करने लगे। वहीं मजार पर पहुंचे इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय महासचिव ने प्रशासन के इस कदम का विरोध किया है।
दरअसल, पीलीभीत हाइवे पर महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के गेट के पास एक मजार है, जिसे मदीना शाह की मजार कहा जाता है। बरेली में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे विकास कार्यों के तहत तमाम सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। इसी के तहत पीलीभीत हाइवे को भी सिक्स-लेन बनाया जाना है। इसीलिए सड़क को चौड़ा करने के लिए जिला प्रशासन हाइवे के दोनों ओर अपनी जमीन से अतिक्रमण हटा रहा है। विश्वविद्यालय के पास बनी यह मजार भी चपेट में आ रही है। जिला प्रशासन ने चिन्हांकन कर मजार कमेटी से उसे हटाने को कहा है। इसका पता चलते हुए आज बड़ी संख्या में समुदाय विशेष के लोग मजार पर इकट्ठा होकर अपना विरोध जताते हुए नारेबाजी करने लगे।
वहीं इसकी जानकारी मिलने के बाद इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय महासचिव डॉ नफीस नदीम अहमद भी मदीना शाह की मजार पर पहुंचे। जहां उन्होंने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया है।
इस दौरान डॉ. नफीस नदीम अहमद ने कहा कि मजार को अपनी जगह से हटाया नहीं जा सकता है और यह मजार 150 साल पुरानी है, जिससे सभी की आस्था जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि बरेली नगर पालिका के साल 1921 के नक्शे के आधार पर प्रशासन को सभी समुदाय के धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
वहीं उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि मजार के पास रोड पर चौड़ा मोड़ बना दिया जाए, जिससे किसी तरह की आपत्ति भी नहीं होगी। वहीं इस विरोध के बीच मदीना शाह मजार कमेटी और आईएमसी के नेताओं ने रुहेलखंड चौकी पहुंचकर इस मामले को लेकर पुलिस से बातचीत की। जिस पर पुलिस ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस विषय पर सावन के बाद बैठ कर कोई रास्ता निकाला जाएगा, जिससे कोई विवाद की स्थित न बने।