बरेली। आंवला तहसील के गांव खैलम में भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे कांवरियों पर पथराव की घटना ने एक बार फिर नाथ नगरी के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। नगर के बुद्धिजीवियों ने एक स्वर से पीड़ितों के साथ खड़े होने और दोषियों को गिरफ्तारी की मांग की है।
समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. सत्येन्द्र सिंह का कहना है कि ऐसा माहौल बनता जा रहा है कि हिंदू हिंदुस्तान में अपना धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं कर सकते। ये बड़े अफ़सोस की बात है। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी के बावजूद हमलावरों का इतना दुस्साहस बिना किसी की शह के नहीं हो सकता। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
मेडिसिटी अस्पताल के निदेशक डा. विमल भारद्वाज का कहना है कि इस तरह की घटना अक्षम्य है। देश में सभी को अपनी पद्धति से पूजा करने और अपने रीति रिवाजों को निभाने का अधिकार है। उनका कहना है कि हम लगातार कांवर बोर्ड के गठन की मांग करते आ रहे हैं। पुलिस प्रशासन को दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
भाजपा नेता और गंगाचरण अस्पताल के निदेशक डा. प्रमेन्द्र माहेश्वरी ने भी घटना को दुर्भाग्यपूण करार दिया है। उनका कहना है कि भगवान का जलाभिषेक कर लौट रहे भक्तों पर अपने ही गांव में पथराव, प्रदेश का माहौल बिगाड़ने का कार्य किया जा रहा है। सरकार दोषियों को माफ नहीं करेगी, निश्चित रूप से उपद्रवियों की गिरफ्तारी होनी ही चाहिए।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज मैं लखनऊ में हूं। कल लौटकर खैलम गांव जायेंगे। वहां हालात देखेंगे और निश्चित रूप पीड़ितों के पक्ष में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए खड़े होंगे।
उपजा प्रेस क्लब के अध्यक्ष पवन सक्सेना ने भी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि शिवभक्तों पर यह हमला सुनियोजित प्रतीत होता है। ऐसे में आगे माहौल न बिगड़े, इसके लिए पथराव करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई आवश्यक है।
नाथ नगरी मुहिम में अहम योगदान देने वाले गिरीश पाण्डेय का कहना है कि कांवरियों व पुलिस पर हुआ साम्प्रदायिक हमला अचानक नहीं बल्कि योजनाबद्ध था। प्रशासन को इन गुंडों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि अगली बार किसी की भी ऐसी हिम्मत ना हो। क्योंकि ये हमला योगी सरकार को बदनाम करने की नीयत से भी किया गया हो सकता है। उनका कहना है कि हर साल कांवर यात्रा पर किसी ना किसी बहाने इसी तरह से बबाल किया जाता है। ये एक गहरी साजिश मालूम होती है। खुफ़िया तंत्र को इसकी जांच करनी चाहिए।