BareillyLive: कवि गोष्ठी आयोजन समिति के तत्वावधान में रविवार को स्थानीय साहूकारा में एक कवि गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती शिव रक्षा पांडेय के संयोजन में किया गया जिसकी अध्यक्षता संस्थाध्यक्ष रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ ने की। मुख्य अतिथि एस. ए. हुदा एवं विशिष्ट अतिथि हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम माँ शारदे के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस कवि गोष्ठी में रचना कार चंद्रमोहन पांडेय ने अपनी रचना के माध्यम से कवियों, वक्ताओं, गज़लकारों एवं लेखकगणों की कलम की रचना की शक्ति का बोध करते हुए बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण करते हुए काव्यपाठ के माध्यम से कहा कि …. ” धरा बेच देगें ____ गगन ____ बेच देगें। अमन के पुजारी ____ चमन ____ बेच देंगे। कलम के सिपाही ____ अगर सो __ गए तो। ये वतन के पुजारी ____ वतन _____ बेच देंगे।
कार्यक्रम में संस्था के सचिव गीतकार उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने बेटियों पर अपनी मार्मिक रचना इस प्रकार प्रस्तुत की- तुम भी तो बेटी हो माता, समझो दर्द न मारो ठोकर। आने दो जग में माँ मुझको, बेटी कहे कोख में रोकर।। रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ ने सुनाया- जो नक़्शा है मक्के मदीने के अंदर। बना है वही तेरे सीने के अंदर; अगर रुह निकले तो यह है तमन्ना, कि रम़जान के ही महीने के अंदर। श्रीमती शिव रक्षा पांडेय ने अपनी रचना इस प्रकार प्रस्तुत की- देवों का वरदान जहाँ है, भू का स्वर्ग स्थान जहाँ है। मेरा हिंदुस्तान वहाँ है, मेरा गौरव गान वहाँ है।
कवि गोष्ठी में कवियों ने अपने सरस काव्य पाठ से रमजान के पाक महीने में सद्भाव एवं सौहार्द का संदेश दिया। कार्यक्रम संयोजिका शिव रक्षा पांडेय, मोहित ‘मासूम’, अत्री कुमार ऋषि, सत्यवती सक्सेना, निमिषा काव्य माला, ज्ञान देवी वर्मा, सत्यवती सिंह ‘सत्या’, मोहन चंद्र पांडेय, डॉ. बी. एन. शास्त्री, पीयूष गोयल बेदिल, डॉ राम शंकर शर्मा प्रेमी, रामकुमार कोली, डॉ. राजेश शर्मा ककरेली, रामकृष्ण शर्मा, रामकुमार अफरोज, बृजेंद्र अकिंचन, रामधनी निर्मल, मिलन कुमार मिलन, प्रताप मौर्य, अंश मिश्रा व रीतेश साहनी आदि उपस्थित रहे। संचालन मनोज दीक्षित टिंकू ने किया।