बरेली। केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में देश के दस प्रमुख श्रम संगठन, बैंक, बीमा, आम बीमा, बिजली, इनकम टैक्स आदि के कर्मचारी दो दिनी महा हड़ताल पर चले गए। हड़ताल के चलते सरकारी कार्यालयों, बैंकों और निगमों में कामकाज ठप रहा। एसबीआई और बीओबी में हड़ताल का असर नहीं दिखा।

मंगलवार को मुख्य आयोजन इनकम टैक्स कार्यालय में हुआ। शहर के कोनों-कोनों से श्रम और कर्मचारी संगठन रैली के रूप में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। वहां वक्ताओं ने जोरदार भाषण दिए। बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन के महामंत्री संजीव मेहरोत्रा, इनकम टैक्स के जोनल सचिव रविन्द्र सिंह, अरविंद रस्तोगी, पीके माहेश्वरी आदि ने सभी के लिए न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपया प्रतिमाह हो।

इसके अलावा श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करने, संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मियों को नियमित करने, पुरानी पेंशन योजना को लागू करने, छठे-सातवें वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों को दूर करने, रोजगार सृजन के लिए ठोस कदम उठाने, बैंक का लगभग 14 लाख करोड़ एनपीए कारपोरेट से वसूलने, ट्रेड यूनियन का पंजीकरण 45 दिन की सीमा के अंदर अनिवार्य करने, स्कीम वर्कर्स को राज्य कर्मचारी घोषित करने, रोड सेफ्टी बिल वापस लेने और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद का पुनर्गठन करने आदि की मांगें उठाईं।

यह हैं मांगें

सभी के लिए न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपया प्रतिमाह हो, श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए, संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मियो को नियमित किया जाए, पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए, छठे-सातवें वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए, रोजगार सृजन के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, बैंक का लगभग 14 लाख करोड़ एनपीए कारपोरेट से वसूला जाए, ट्रेड यूनियन का पंजीकरण 45 दिन की सीमा के अंदर अनिवार्य किया जाए, स्कीम वर्कर्स को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए, रोड सेफ्टी बिल वापस हो, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद का पुनर्गठन किया जाए।

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