लखनऊः सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की दावेदारी की वजह से वीवीआईपी सीट का दर्जा प्राप्त करहल पर भाजपा उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस सोमवार को खत्म हो गया। भाजपा ने यहां से नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री एसपी सिंह बघेल को न केवल मैदान में उतारने की घोषणा कर दी बल्कि उन्होंने नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया। वह योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।इससे पहले अटकलें लगायी जा रही थीं कि भाजपा अपर्णा बिष्ट यादव को यहां से मैदान में उतारेगी।
मूल रूप से औरैया के रहने वाले एसपी सिंह बघेल मुलायम सिहं यादव के राजनीतिक शिष्य रहे हैं। उन्होंने आज सोमवार को अचानक मैनपुरी पहुंचकर नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक रहे एसपी सिंह बघेल 1989 में मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री बनने पर उनकी सुरक्षा में तैनात हुए थे। मुलायम ने 1998 में इन्हें जलेसर (एटा) संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया और वह जीत गए। इसके बाद 1999 और 2004 में भी वह सपा के टिकट पर संसद पहुंचे। इसके बाद वह बसपा में शामिल हो गए और बसपा के टिकट पर 2009 में फिरोजबाद सीट से अखिलेश यादव के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रहे। इसी सीट पर उपचुनाव में उन्होंने डिंपल यादव के सामने भी चुनाव लड़ा लेकिन तीसरे स्थान पर रहे। 2010 में बसपा ने इन्हें राज्यसभा सदस्य बना दिया।
बघेल 2014 में भाजपा में शामिल हो गए और सपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव लड़े। इस चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे। वर्ष 2017 में भाजपा के टिकट पर टूंडला से विधायक बने और योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री बने। 2019 में वह आगरा सीट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 में मंत्रिपरिषद विस्तार में उन्हें कानून एवं न्याय राज्यमंत्री बनाया गया है।