लखनऊ। कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के श्रमिक-कामगारों की घर वापसी के रेल किराये को लेकर चल रहे राजनीतिक घमासान में बसपा सुप्रीमो मायावती भी कूद पड़ी हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद अब उन्होंने भी प्रवासी श्रमिक-कामगारों के रेल टिकट का खर्च उठाने का प्रस्ताव किया है।
मायावती ने इसको लेकर मंगलवार को दो ट्वीट किए। इससे पहले उन्होंने बीती 1 मई को भी एक ट्वीट किया था जो निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा श्रमिकों के वेतन में की जा रही मनमानी कटौती को लेकर था। बसपा प्रमुख ने कहा है कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों की अपने राज्य में वापसी बेहद जरूरी है। स्पेशल ट्रेन से आने वाले श्रमिक-कामगारों को अगर सरकार किराया देने में जरा भी आनाकानी करती है तो ऐसी स्थिति में बसपा आगे आएगी। मायावती ने कहा कि यदि सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती है तो फिर बसपा अपने सामर्थवान लोगों से मदद लेकर, उनके भेजने की व्यवस्था करने में अपना थोड़ा योगदान जरूर करेगी। उन्होंने कहा कि यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों और बसों आदि से भेजने के लिए, उनसे किराया भी वसूल रही हैं। सभी सरकारें यह स्पष्ट करें कि वह उन्हें भेजने के लिए किराया नहीं दे पायेंगी। इसके बाद का काम बसपा कर सकती है।