बरेली। प्रेमनगर के अरविंदनगर में सोमवार की रात टेंट कारोबारी ने खुद को गोली से उड़ा लिया। कैकशा अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले कारोबारी की मोबाइल पर किसी से नोकझोंक हुई। उसके बाद लाइसेंसी रिवाल्वर ने उन्होंने कनपटी पर गोली मारकर जान दे दी। फायर की आवाज सुनते ही घरवाले दूसरे कमरे से दौड़े आए और आननफानन उनको पास के निजी अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया है। मोबाइल की काल डिटेल देखी जा रही है।

कैकशा अपार्टमेंट में रहने वाले राजीव सक्सेना उर्फ मून (54) टेंट कारोबारी थे। उन्होंने किसान पंचायत बारात घर लीज पर ले रखा था। परिवार के मुताबिक, सोमवार की रात करीब 7 बजे वह बारातघर से घर आए और आगे वाले कमरे में चले गए।

कुछ देर बाद उनकी मोबाइल पर किसी से बातचीत होने लगी और फिर उनमें झगड़ा होने लगा। दूसरे कमरे में घरवालों ने राजीव सक्सेना के चीखने की आवाज सुनी थी। कुछ देर बाद ही अचानक गोली चलने की आवाज आई तो घरवाले घबराकर आगे वाले कमरे में दौड़े आए। वहां बिस्तर पर राजीव सक्सेना खून से लथपथ पड़े थे। उनके दाहिने हाथ में लाइसेंस रिवाल्वर थी और भेजा उड़ गया था। घरवाले एंबुलेंस से तत्काल उनको पास के निजी अस्पताल ले गए जहां डाक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर वहां लोगों को तांता लग गया। पुलिस ने राजीव सक्सेना का मोबाइल कब्जे में ले लिया है। शुरूआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि कारोबार में नुकसान या रुपये के लेनदेन की वजह से तनाव में आकर उन्होंने खुदकुशी की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

मोबाइल से खुलेगा खुदकुशी का राज

परिवारवाले राजीव सक्सेना की खुदकुशी पर सदमे में हैं। हंसमुख राजीव ने आखिर किस वजह से सुसाइड कर लिया, इस बाबत कुछ नहीं बता सके। अब मोबाइल फोन से ही इस खुदकुशी की वजह पता चल सकेगी। आखिर बार राजीव की जिससे बात हो रही थी, उससे झगड़ा हो गया था। उसके बाद ही उन्होंने खुद को गोली मार ली थी। पुलिस मोबाइल की काल डिटेल निकालेगी। साथ ही यह पता लगाया जा रहा है कि अंतिम बार उनकी किससे बात हुई थी।

शुरूआती जांच में माना जा रहा है कि राजीव की खुदकुशी के पीछे कारोबार वजह हो सकता है। वह टेंट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष भी रह चुके थे और उनकी गिनती शहर के प्रमुख टेंट कारोबारियों में होती थी। उन्होंने कुछ साल पहले प्रेमनगर थाने के पास रेस्टोरेंट खोलने की योजना बनाई थी। बताया जाता है कि उस प्रोजेक्ट में उनका काफी रुपया लग गया था। बाद में किसी वजह से प्रोजेक्ट नाकाम हो गया और उनको काफी नुकसान उठाना पड़ा था। तभी से वह थोड़ा तनाव में रहते थे। हालांकि उनके परिचितों का कहना है कि वह काफी जिंदादिल थे।

कारोबार में घाटा होने के बाद भी उनका बर्ताव हमेशा हंसमुख था। पुलिस अब उनके मोबाइल की काल डिटेल निकलवाने की तैयारी में है। उससे ही पता चल सकेगा अंतिम बार उनकी किससे बात हुई थी। वह जो भी था, राजीव से उसका विवाद चल रहा था।

बेटे को रात में ही जाना था देहरादून

घटना के वक्त घर में राजीव की पत्नी कल्पना, बेटा श्रेय और भतीजा यश थे। बेटा श्रेय देहरादून में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा है। उसे सोमवार की रात ही बस से देहरादून जाना था और सामान पैक कर रहा था। कैकशा अपार्टमेंट में ही उनकी बहन नूतन भी रहती हैं। राजीव के बड़े भाई संजीव सक्सेना देहरादून में वाणिज्य कर विभाग में काम करते हैं जबकि छोटे भाई प्रवीण बैंक में काम करते हैं। पहले राजीव शाहाबाद में रहते थे। तीन साल पहले ही वह परिवार के साथ कैकशा अपार्टमेंट में रहने आए थे।

घर में रखते थे लाइसेंसी रिवाल्वर

राजीव लाइसेंसी रिवाल्वर साथ लेकर नहीं चलते थे। वह असलहा घर में ही रखते थे। ऐसे में आशंका है कि बारात घर के आने के वक्त ही वह काफी तनाव में थे। मोबाइल पर बात करने के दौरान ही रिवाल्वर निकाली और खुद को गोली मार ली।

error: Content is protected !!