अलीगढ़। डॉ. कफील खान की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रहीं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में भड़काऊ भाषण देने के मामले में उन पर तामील राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका/NSA) नहीं हटाया जाएगा। राज्य स्तरीय एडवाइजरी बोर्ड ने इस पर अपना फैसला दे दिया है। डॉ. कफील फिलहाल मथुरा की जेल में बंद हैं। वह बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में चर्चा में आए थे। उस दौरान वह मेडिकल में कॉलेज बाल रोग विभाग के प्रभारी थे।
डॉ. कफील पर 12 दिसंबर 2020 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आयोजित सभा के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी टिप्पणी की थी। इस मामले में उनके खिलाफ 13 दिसंबर 20219 को सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। इसी बीच 15 दिसंबर को एएमयू में बवाल हुआ था। 29 जनवरी को यूपी एसटीएफ ने डॉ. कफील को मुंबई से गिरफ्तार किया और एक फरवरी को अलीगढ़ लाया गया। यहां से उन्हें मथुरा जेल भेज दिया गया।
डॉ. कफील को 10 फरवरी 2020 को सीजेएम कोर्ट से जमानत मिल गई लेकिन उन्हें तीन दिन तक रिहा नहीं किया गया और प्रशासन ने उन पर रासुका की कार्रवाई कर दी। इसके खिलाफ डॉ.कफील ने सरकार से शिकायत की। 17 मार्च को राज्य स्तरीय एडवाइजरी बोर्ड ने डॉ. कफील तथा अलीगढ़ के जिलाधिकारी सीबी सिंह और एसएसपी को लखनऊ बुलाया और तीनों का पक्ष सुना था। बोर्ड ने रासुका की कार्रवाई ठहराया है।
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