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चौधरी तालाब बरेली की 455 वर्ष पुरानी रामलीला का मंचन आरंभ

बरेली। देश की तीसरी सबसे बड़ी 455 वर्ष पुरानी चौधरी तालाब की रामलीला मंगलवार से प्रारंभ हुई। जिसका दशहरा मेला 5 अक्तूबर 2022 को बड़े बाग मंदिर निकट हार्टमैन स्कूल पर होगा। कल प्रथम दिन अलखनाथ मंदिर के महंत कालू गिरी, तुलसी मठ के महंत नीरज दास, गंगा मंदिर के महंत, बीजेपी नेता अनिल कुमार एडवोकेट, कमेटी अध्यक्ष राम गोपाल मिश्र, महामंत्री शिव नारायण दीक्षित, डी के अग्रवाल, धीरेंद्र शुक्ला, सत्यम, निर्भय सक्सेना आदि उपस्थित रहे। बरेली में होली की 162 वर्ष पुरानी रामलीला तो देश भर में जानी ही जाती है पर यहां के चौधरी तालाब पर भी पिछले 455 साल से श्री रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति के बैनर के अंतर्गत एक पखवाड़े तक मथुरा अयोध्या से आये कलाकारों द्वारा रामलीला मंचन निरंतर होता रहता है। रावण दहन के बाद नगर में भगवान राम की शोभायात्रा भी निकाली जाती है। अब उत्तर प्रदेश में पुन मुख्यमंत्री योगी सरकार 2 के आने पर धार्मिक कार्यक्रम में लोगो का रुझान और बढ़ गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व बरेली के सांसद संतोष कुमार गंगवार वर्षो तक इस रामलीला कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। वह अब कमेटी के संरक्षक हैं जबकि राम गोपाल मिश्रा अध्यक्ष एवम प्रभु नारायण महामंत्री, धीरेंद्र शुक्ल मंत्री हैं।

बरेली में कनागत के बाद भादों माह में इस रामलीला का शुभारंभ लखना स्टेट , इटावा के राजा बसंत राव त्रिपाठी ने जो चौधरी मोहल्ला के रानी लक्ष्मीबाई फाटक बरेली में ही रहते थे, के द्वारा प्रारंभ कराया गया था। उनकी मौत के बाद उनकी पत्नि रानी लक्ष्मी बाई इस रामलीला मंचन को कराती रहीं। इसमें 8 दिन रामलीला मंचन चौधरी मोहल्ला में होता था इसके बाद नाव से सागर पार होकर इसका मंचन बड़े बाग में होता रहा। जहां पर रावण का आजकल वध होता है। मंचन को आये कलाकार गंगा मंदिर, चंपत राय मंदिर एवम बड़ा बाग मंदिर में ही विश्राम करते थे। लंका विजय के बाद नगर में भगवान राम की विजय शोभायात्रा निकली जाती है। इस कमेटी में पूर्व में महामंत्री रहे पार्षद मनोज शुक्ल के अनुसार बुंदेलों के समय से चल रही यह रामलीला औरंगजेब के काल मे भी बंद नहीं हुई, कमेटी के ही धीरेंद्र शुक्ला के अनुसार 455 वर्ष की रामलीला का भारत पाक युद्ध के दौरान भी मंचन बंद नही हुआ था। उसे गुपचुप कर परंपरा निभाई गई थी।

रामलीला कमेटी के अध्यक्ष राम गोपाल मिश्र ने बताया कि विवाद होने पर रामलीला कमेटी पर लगभग 6 वर्ष प्रशासन की और से कमेटी पर रिसीवर भी तैनात रहा। बाद में हाइकोर्ट के आदेश पर विवाद समाप्त हुआ। अब उनकी ही कमेटी रामलीला का मंचन करा रही है। कमेटी की आय का साधन चौधरी तालाब, एवम अन्य संपत्ति में किराये की आय एवम श्रद्धालुओं के द्वारा मिला चंदा ही है। जिससे ही रामलीला का निरंतर मंचन कराया जाता रहा है। अब हार्टमैन पुल का नाम भी रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर करने का प्रस्ताव नगर निगम ने पास किया है।

Sachin Shyam Bhartiya

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