बरेलीः उत्तर प्रदेश में क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट (CEA, सीईए) निरस्त होगा। सोमवार को लखनऊ में आयोजित भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के सम्मेलन में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह द्वारा बीते एक दिसम्बर से लागू हुए इस एक्ट को निरस्त करने की घोषणा की गई और इस पर विचार करने हेतु एक नई कमेटी बनाने के निर्देश भी दिए गए। इस सम्मेलन में चिकित्सा प्रकोष्ठ के 15सौ से अधिक सदस्यों ने भाग लिया।
इस घोषणा के लिए प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक एवं ब्रज व अवध प्रांत के प्रभारी डॉ प्रमेन्द्र माहेश्वरी तथा आईएमए के अध्यक्ष डॉ विमल कुमार भारद्वाज ने स्वास्थ्य मंत्री को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में देश के पूर्व कृषि मंत्री राधामोहन सिंह एवं उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा भी उपस्थित रहे।
बरेली के दोनों प्रतिष्ठित डॉक्टर्स का कहना है कि यह सरकार का एक स्वागत योग्य कदम है। इस एक्ट के लागू होने से 30 बेड से ऊपर वाले अस्पतालों में कई सुविधाओं का इंतजाम करना पड़ता है जिससे भविष्य में अस्पतालों एवं मरीजों दोनों को बहुत सारी परेशानियां होती एवं चिकित्सा, जो कि एक कल्याणकारी व्यवसाय है, वह पूर्णतया व्यापार बन कर रह जाता। साथ ही बड़े कॉरपोरेट अस्पतालों की तर्ज पर मरीजों को भारी खर्चे का सामना करना पड़ता क्योंकि इस कानून के लागू होने पर अस्पतालों में बहुत सारी अनावश्यक एवं अनुपयोगी चीजों का प्रावधान करना पड़ता। अतः अब हमें उम्मीद है कि इस कानून के निरस्त होने एवं नई कमेटी के बनने से निश्चित ही सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।