डिप्टी CM बृजेश पाठक ने दिये उच्चस्तरीय जांच के आदेश
बदायूं @BareillyLive. महिला के शव से पोस्टमार्टम के दौरान आंखें गायब होने के मामले में अब शासन द्वारा कार्रवाई कर दी गई है। इस मामले में सीएमओ डॉ. प्रदीप कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। सड़क से लेकर शासन तक हुए हंगामे के बाद तीसरे दिन यह कार्रवाई अमल में लाई गई है।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को सीएमओ डॉ. प्रदीप कुमार वार्ष्णेय को निलंबित कर दिया। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही बताई जा रही है।
ज्ञात रहे कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने महिला के परिवार वालों से पूरा मामला छिपाया था। साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी आंखें गायब होने का जिक्र नहीं किया गया था। इस पर मृतका के भाई राजकुमार ने डॉक्टरों समेत पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने पोस्टमार्टम करने वाले दोनों डॉक्टरों को जेल भेज दिया था।
यह मामला शासन तक पहुंच गया है। वहां से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई थी। निलम्बन के बाद सीएमओ डॉ. प्रदीप कुमार वार्ष्णेय को महानिदेशक कार्यालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है। इस कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई है।
ये था पूरा मामला……
मुजरिया थाना क्षेत्र के ग्राम रसूला निवासी पूजा (20) ने फंदे से लटककर जान दे दी थी। सोमवार दोपहर उसके शव का पोस्टमार्टम कादरचौक सीएचसी के डॉक्टर और जिला अस्पताल के क्षय रोग विभाग में तैनात डॉक्टरों के पैनल ने किया था।
पोस्टमार्टम के बाद मायके वाले जब पूजा का शव लेकर घर पहुंचे। जब बॉडीबैग खोला गया तो पूजा के आंखें नहीं थीं। मायके वालों ने पोस्टमार्टम के दौरान आंखें निकाले जाने का आरोप लगाकर डीएम को प्रार्थना पत्र दिया था। इसके बाद दोबारा पोस्टमार्टम और जांच कराई गई।
बही डीएम ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश के साथ-साथ साथ राजकीय मेडिकल कॉलेज बदायूं के डॉक्टरो की एक टीम बनाकर हर बिंदु पर विस्तृत रिपोर्ट दिए जाने के भी आदेश किए हैं। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।