बरेली। (शमी खान)। पश्चिमी हवा के चलने से बरेली समेत समूचे उत्तर भारत में ठण्ड यकायक बढ़ गई। मंगलवार को दिन भर सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए। आकाश में कोहरे वाले बादलों के छाये रहने से आम आदमी को कंपकंपाने को मजबूर कर दिया। शहर और गांवों में जगह-जगह लोग आग तापते देखे गये। अधिकांश लोग घरों में कैद रहे। जो आवश्यक कार्य से निकले भी तो पूरी तरह पैक होकर।
बता दें कि बीते एक सप्ताह से दिन में तेज धूप और शाम को शीतलहर का प्रकोप बना हुआ था। पहाड़ों पर वर्फबारी के साथ मैदानी क्षेत्र में पाला गिरने का सिलसिला जारी था। बीती रात अचानक आकाश में बादलों ने आकाश को घेर लियां आधी रात के बाद हल्के कोहरे के साथ शीतलहर ने मौसम में लोगों को कंपकंपाने को मजबूर कर दिया।
मंगलवार को दिनभर आकाश में बादलों का डेरा रहा, जिसके चलते दिन भर सूर्य देवता के दर्शन नहीं हुये। दोपहर बाद से देर रात्रि तक विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाएं शीत अवकाश के संबंध में समाचार पत्रों के कार्यालयों में फोन करके जानकारी करते रहे।
शहर के कई क्षेत्रों के अलावा कस्बों और गांवो में लोग ठण्ड से बचाव के लिए आग तापते देखे गये। कुछ लोगों ने बताया कि आज का दिन सबसे अधिक ठण्डा रहा। दिनभर लोग सर्दी से बचने के लिए गर्म कपडे लपेटे देखे गये। माना जा रहा है कि मकर संक्रान्ति के बाद सर्दी विदा हो जाती है, लेकिन मौसम विज्ञानियों द्वारा वर्षा का अनुमान बताने के बाद से यह समझा जा रहा है कि अब सर्दी ने विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है।
कास्तकारों का कहना है कि यह सदी। गेहू को छोड़कर अन्य फसलों पर अपना दुष्प्रभाव छोड़ सकती है। इससे आलू की पिछौती फसल को झुलसा रोग लगने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।