R.K.Singh@BareillyLive : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का आंवला तहसील एरिया पर्यटन के क्षेत्र में बहुत समृद्धशाली है। इसी के मद्देनजर शासन , जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग को  टूरिस्ट सर्किट बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। टूरिस्ट सर्किट बनाने के प्रस्ताव  पर्यटन मंत्री के पास भेजे जाने की योजना है।    

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह का निर्वाचन क्षेत्र आंवला तहसील क्षेत्र एतिहासिक महत्व की जगह है। जैन धर्म के इष्ट भगवान पार्श्वनाथ की तपस्थली रहा  है ,ऑवला का रामनगर किला क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की जगह है। दक्षिण भारतीय और आधुनिक शैली में बनाये गये श्री अहिछत्र पार्श्वनाथ जैन मन्दिर। बरेली के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि आंवला तहसील क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि समृद्धशाली है। हजारों पर्यटक  देश विदेश से यहाँ आते हैं,  पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। टूरिस्ट सर्किट भी बनाया जा सकता है। इस पर गहन अध्ययन हो रहा है।  प्रोजेक्ट तैयार कराया जा रहा है। 
 
महाभारत काल में बरेली का ऑवला क्षेत्र पॉचाल राज्य का हिस्सा रहा। बौद्ध और जैन संस्कृतियों के संगम नक्षत्र का महत्व सभी के लिए समान है यह जैन धर्म के तीर्थंकर पार्श्वनाथ की तपस्या के दौरान नागों ने फन फैलाकर छतरी के समान छाया की थी। इसीलिए इस स्थान को अहिच्छत्र क्षेत्र कहा जाता है। उत्खनन में मिले पाण्डवकालीन राम नगर किले के अवशेष इसके ऐतिहासिक महत्व के साक्ष्य प्रदान करते हैं। आज यह किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में है। यहाँ की लीलोर झील का ऐतिहासिक महत्व है।  

गुरु द्रोणाचार्य ने बसाया था गुरुगांव

इसके अतिरिक्त परगना सिरौली का ग्राम गुरुगांव बहुत बड़ा गांव था। जनश्रुति है कि यह गुरु द्रोणाचार्य ने बसाया था। लीलौर को भी महाभारत से जोड़ा जाता है। यहाँ की झील प्राचीन है। इसकी चौड़ाई 2940 तथा गहराई 10 फिट है।लीलौर झील में प्रवासी पक्षी आते हैं।  बरेली के पूर्व जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने  लीलौर झील को पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए  प्रोजेक्ट तैयार कराया था।  इस प्रोजेक्ट में पर्यटकों के ठहरने के लिए हट , हैलीपैड , रेस्टोरेंट  का प्रस्ताव बनाया गया था। जो अभी भी फाइलों में है।   

मनौना ग्राम भी पुराना गांव है। कहा जाता है कि यहाँ पर अनेक मुनियों की मढ़ियां थीं। ककइया ईंट की बनी एक मढ़ी अब भी मौजूद है। इन मुनियों से अपभ्रंश होकर यह ग्राम मनौना कहलाया। मनौना इस समय खाटू श्याम धाम का आस्था का बड़ा केंद्र बन गया। प्रतिदिन यहाँ 25 से तीस हजार श्रद्धालु यहाँ महंत ओमेंद्र जी से आशीर्वाद लेने आते हैं। यहाँ आने वालों में 90 प्रतिशत  श्रद्धालु श्याम जल लेने आते हैं। श्रद्धालुओं  को आस्था है कि श्याम जल पीने और महंत के आशीर्वाद से जटिल रोग ठीक हो जाते हैं। 

पर्यटन अधिकारी मनीष सिंह बताते हैं कि पर्यटन की दृष्टि मनौना धाम बहुत उपयोगी है, हैलीपैड  तैयार है, पर्यटन विभाग के मानकों के अनुसार मनौना धाम, जैन मंदिर, लीलोर झील को पर्यटन की दृष्टि  से विकसित किया जा सकता है। जैन मंदिर और गुलड़िया गौरीशंकर मंदिर का प्रस्ताव शासन को गया हुआ है।   

प्रशासनिक सूत्र बताते  हैं कि  मंत्री धर्मपाल सिंह के सहयोग से मनौना धाम, जैन मंदिर, लीलोर झील और अहिच्छत्र, रामनगर किला  को टूरिस्ट सर्किट बनाने का प्रस्ताव शीघ्र पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के समक्ष रखा जायेगा। 

ऐसे पहुंचें आंवला

सड़क और रेलमार्ग दोनों से आंवला (टूरिस्ट सर्किट) पहुंचा जा सकता है। लखनऊ और दिल्ली की कुछ ट्रेनों का ठहराव आंवला रेलवे स्टेशन पर भी है इसके साथ ही लखनऊ और दिल्ली से बरेली के लिए तमाम ट्रेन हैं। बरेली आकर सड़क मार्ग से आंवला पहुंचा जा सकता है। बरेली एन एच 24 पर स्थित है इस लिए यहाँ पर सड़क मार्ग द्वारा आसानी से आया जा सकता है।आगरा की तरफ से आने वाले पर्यटक बदायूं होते हुए आंवला पहुँचते हैं।

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