लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण निषेध कानून लागू होने के बावजूद कुछ लोग बाज नहीं आ रहे। धर्म परिवर्तन कराने का बड़ा मामला सामने आने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार के तेवर बेहद सख्त हैं। लखनऊ में गिरफ्तार मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) की कार्रवाई होगी। उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी। इन दोनों से हुई पूछताछ में धर्मांतरण की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। इन लोगों ने एक हजार से अधिक लोगों का मतांतरण कराने की बात कबूल की है।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का निर्देश है कि जो लोग भी इन मामलों में शामिल हैं उन्हें एनएसए के तहत हिरासत में लिया जाना चाहिए और उनकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए। उमर गौतम, जहांगीर आलम, आइडीसी संस्था व अन्य के विरुद्ध उत्तर प्रदेश एटीएस के लखनऊ थाने में धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, धार्मिक उन्माद भड़काने, राष्ट्रीय एकता को प्रभावित करने और उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है।

एटीएस ने उमर गौतम और जहांगीर आलम को सोमवार को एसीजेएम सत्यवीर सिंह की अदालत में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में 3 जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया गया। विवेचक ने दोनों की पुलिस रिमांड मंजूर किए जाने का प्रार्थनापत्र भी दाखिल किया है।

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