लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 1 जून से चरणबद्ध तरीके से (फेज वाइज) लॉकडाउन/कोरोना कर्फ्यू को खोला जा सकता है लेकिन वीकेंड और नाइट कर्फ्यू आगे भी जारी रहने की संभावना है। माना जा रहा है कि सरकार 1 जून से बाजार पर लगी पाबंदियों को हटा सकती है और कार्यालयों को भी सीमित संख्या के साथ खोल सकती है। सरकार इस पर अगले 24 घंटों में मुहर लगाएगी।
सरकार अचानक से लॉकडाउन में पूरी तरह से छूट नहीं देना चाहती है। सरकार को डर है कि इससे कोरोना के मामलों में फिर से बढ़ोत्तरी शुरू हो सकती है। इसलिए अलग-अलग फेज में कई तरह की गतिविधियों में छूट दी जाएगी।
सररकार के इस कदम से लोगों को राहत भी मिलेगी और इसके साथ ही सख्ती भी रहेगी। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय का स्पष्ट निर्देश है कि 30 जून तक सख्ती को बरकरार रखें। यदि कहीं पर केस कम हैं तो फिर राज्य सरकार अपनी तरफ से निर्णय ले सकती है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस बाबत पत्र भी भेजा है। गृह मंत्रालय की तरफ से हर राज्य के मुख्य सचिव को जारी पत्र में कहा गया है कि जिन जिलों में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या अधिक है, वहां पर गहन एवं स्थानीय स्तर पर नियंत्रण के उपाय किए जाएं।
कोरोना के मामलों में 82 प्रतिशत से ज्यादा की कमी
करीब 23 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में कोरोना केस में अब तक 82 प्रतिशत से ज्यादा कमी आई है। सरकार का मानना है कि लॉकडाउन के चलते ही संक्रमण के मामलों में गिरावट हुई है। प्रदेश में कोविड पॉजिटिविटी रेट 22 प्रतिशत से घटकर 1 प्रतिशत रह गया है।
इन गतिविधियों में मिल सकती है छूट
- शादी का सामान बेचने वालों को।
- गारमेंट्स की दुकानों को।
- किराना, सब्जी और फल की दुकानों को।
- निर्माण कार्य से जुड़े कामों को।
- 50 प्रतिशत क्षमता के साथ अन्य दुकानों और रेस्टोरेंट खोलने को।
इन गतिविधियों पर बरकरार रह सकती है रोक
- शॉपिंग मॉल
- फिल्म थिएटर
- सैलून
- कंटेनमेंट जोन में पड़ने वाली सारी दुकानें
- सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रम