BareillyLive.आंवला (शरद सक्सेना)। कोरोना को लेकर जहां सरकार चिंतित है और निरन्तर एडवाइजरी जारी कर रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हालात बदतर हैं। आंवला सीएचसी के बाद शुक्रवार को बरेली लाइव टीम ने रामनगर और मझगवां सीएचसी का हाल जाना।
CHC मझगवां : अव्यवस्थाएं हावी
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगवां की हालत काफी खराब है। अस्पताल में गंदगी व्याप्त है। यहां न मास्क है, न सैनेटाइजर। यहां तक कि कुछ जरूरी दवाइयां भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं। अस्पताल में टॉयलेट से निकलने वाली दुर्गन्ध से अस्पताल में मौजूद मरीजों को होने वाली परेशानी को कोई भी देखने वाला नहीं है। मरीजों ने बताया कि डॉक्टर व अन्य स्टाफ जब मन में आया गायब हो जाता है।
यहां चिकित्साधीक्षक का कमरा खुला था लेकिन वह वहां नहीं थे। कुछ देर में आये तो बताया कि लंच कर रहा था। अन्य कमरों में भी ताले पड़े थे। मरीज इधर-उधर भटक रहे थे। स्टाफ के कुछ लोग परिसर से बाहर बातों में व्यस्त थे। जब चिकित्साधीक्षक से यहां व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी चाही तो वह बगलें झांकते दिखे।
इसी बीच वहां पहुंचे युवा भाजपा नेता यशवंत िंसंह भी अपनी टीम के साथ मझगवां सीएचसी पहुंचे। यहां की खराब स्थिति देख वह स्टाफ पर बिफर पड़े। मरीजों की शिकायतों पर जब उन्होंने चिकित्साधीक्षक के जानकारी चाही तो डॉक्टर के पास कोई जवाब नहीं था।
यशवंत सिंह ने बताया कि इसकी जानकारी विधायक धर्मपाल सिंह को दी जाएगी तथा इस सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों से मिलकर उचित कार्यवाही को कहेंगे। उनके साथ दुर्गेश सक्सेना, गौरव शर्मा, सीपी लोधी, नरेश प्रधान आदि मौजूद रहे।
रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर व्यवस्था चाक-चौबंद
यहां रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर व्यवस्था चाक-चौबंद मिली तो मझगवां में बदहाल। रामनगर में साफ-सफाई के साथ वहां मौजूद चिकित्साधीक्षक ने उपलब्ध संसाधनों में से ही दो बेड का एक आइसोलेशन रूम भी बना दिया है। ताकि किसी भी संदिग्ध मरीज के मिलने पर उसे आइसोलेट कर संक्रमण फैलने से बचाया जा सके। यहां मास्क भी थे और सेनेटाइजर भी डॉक्टर्स की टेबिल पर रखा मिला, जिससे स्टाफ और मरीजों को हाथों पर लगाकर उन्हें सेनेटाइज किया जा रहा था।