लखनऊ/मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश की पीतलनगरी मुरादाबाद में बुधवार के मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर जैसी घटना दोहराई गई। यहां के हॉटस्पॉट नवाबपुरा में मरीजों की स्क्रीनिंग करने गई डॉक्टरों की टीम पर हमला किया गया। उपद्रवियों ने मेडिकल टीम पर  गली के साथ छतों से भी हमला किया गया। ईंट, पत्थर के साथ लाठी-डंडों का भी प्रयोग किया गया। इस हमले में एक डॉक्टर समेत 5 लोग घायल हो गए। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया है। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ आपदा नियंत्रण अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका/NSA) के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है, साथ ही कहा है कि तोड़फोड़ में हुए संपत्ति के नुकसान की भरपाई दोषियों से ही की जाएगी।

दरअसल, नवाबपुरा में सरताज के बड़े भाई की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हो गई थी। इसके दो दिन बाद सरताज ने भी दम तोड़ दिया। दो भाइयों की मौत के बाद एक मेडिकल टीम इलाके के लोगों के स्वास्थ्य की जांच और कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों को क्वारंटीन करने भेजी गई थी। टीम जब हाजी नेब वाली मस्जिद के पास  जांच कर रही थी, उसी दौरान  कुछ उपद्रवियों ने हमला बोल दिया। चिकित्सकों की टीम को पिटता देख पुलिस की टीम भी भाग खड़ी हुई। उपद्रवियों ने एंबुलेंस में तोड़-फोड़ और पथराव किया। मेडिकल टीम के कुछ लोग किसी तरह से जान बचाकर सीएमओ कार्यालय पहुंचे और उनको सारी स्थिति से अवगत कराया। इस घटना की जानकारी मिलने पर डीएम के साथ एसपी भी मौके पर पहुंचे हैं।  बवाल की सूचना चार थानों की फोर्स भी मौके पर बुला ली गई। पुलिस ने बल प्रयोग करके हालात पर काबू पाया। इस दौरान एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस फरार हमलावरों की तलाश में संभावित स्थानों पर दबिश दे रही है। पथराव में घायल डॉक्टर का नाम सुधीश चंद्र अग्रवाल है। 

रासुका के तहत होगी कार्रवाईः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेडिकल टीम पर हमला एक अक्षम्य अपराध है। पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है, जिसकी घोर निंदा की जाती है। ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा नियंत्रण अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। दोषी व्यक्तियों द्वारा की गई राजकीय सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई उनसे सख्ती से की जाएगी। जिला पुलिस प्रशासन ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिन्हित करे और प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा के साथ ही उपद्रवी तत्वों पर पूरी सख्ती भी करे।

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