लखनऊ। कोरोना वायरस की चेन ब्रेक करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की आड़ लेकर कर्मचारियों को वेतन नहीं देने वाली औद्योगिक इकाइयों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भवें टेड़ी हो गई हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिया कि सभी औद्योगिक इकाइयां अपने-अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर दें। अगले महीने यानी मई में भी सभी को समय पर वेतन दें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने कार्यालय लोकभवन में कोर टीम के साथ बैठक की। इस बैठक में उनका फोकस प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों और श्रमिकों पर था। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन के बाद श्रमिकों की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने निजी क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों को अपने कर्मचारियों के वेतन के भुगतान का निर्देश दिया था। अब अधिकारी पता करें कि कहीं किसी औद्योगिक इकाई ने अपने कर्मचारियों का वेतन रोका तो नहीं है। सरकार के अनुरोध के बाद भी अगर किसी का भी वेतन रोका गया है तो फिर उस उद्योग अथवा फैक्ट्री मालिक को इस संकट की घड़ी में सरकार की प्राथमिकता से भी अवगत करा दें।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों में 512 करोड़ का भुगतान हो चुका है। इसके साथ ही प्रदेश के करीब 24 लाख श्रमिकों को 1000 रुपये की राहत राशि का भुगतान हो चुका है। अब बचे हुए अन्य लोगों को भी युद्ध स्तर पर राहत राशि देने के प्रक्रिया जारी है।

मुख्यमंत्री ने कम्युनिटी किचन के संचालन की भी समीक्षा की। कहा कि प्रदेश भर में कोई भूखा ना रहे। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में लॉक डाउन का सख्ती से पालन करने तथा उल्लंघन करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया। 

तब्लीजी जमात से जुड़े लोगों को ढूंढ निकालने के निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संवाहक के रूप में काम कर रहे तब्लीगी जमात के लोगों को पुलिस हर जगह से ढूंढ निकाले। छापा मारकर हर जगह पर इनके ठिकाने को खोजें और सभी को क्वारंटाइन करें।

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