नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है। इस जंग को जीतने के लिए भारत बायोटिक की कोवैक्सीन और सीरम की कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। पूरे देश में 16 जनवरी, 2021 से टीकाकरण शुरू हो चुका है। इस बीच भारत बायोटेक ने एक फैक्टशीट जारी कर बताया है कि किन लोगों को कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
भारत बायोटेक ने अपनी वेबसाइट पर सोमवार को अपलोडेड फैक्टशीट के माध्यम से ऐसे लोगों को कोवैक्सीन का टीका नहीं लगवाने की सलाह दी है, जिन्हें कुछ समय से एलर्जी, बुखार और ब्लीडिंग डिसऑर्डर की शिकायत रही हो। जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उन्हें भी कोरोना का टीका नहीं लगवाने की सलाह दी गई है। कोवैक्सीन का टीका गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी नहीं लगाना टाहिए है। जिन्होंने दूसरी वैक्सीन ली है, या फिर किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, वे भी कोवैक्सीन का टीका न लें।
गौरतलब है कि सरकार ने भी एक दिशा-निर्देश जारी कर बीते दिनों स्पष्ट कर दिया था कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को करना वैक्सीन लेने की अभी जरूरत नहीं है। भारत बायोटेक ने वैक्सीन की संभावित प्रतिकूल घटनाओं और वैक्सीन के लिए योग्य लोगों का विवरण देते हुए यह फैक्टशीट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इसका बहुत ही कम चांस है कि कोवैक्सीन से सांस लेने में कठिनाई, चेहरे/गले की सूजन/ तेजी से दिल धड़कना, पूरे शरीर में चकत्ते और कमजोरी सहित एलर्जी की गंभीर प्रतिक्रिया पैदा हो सकती हैं।
गौरतलब है कि अभी कोवैक्सीन तीसरे फेज के ट्रायल में है और इसकी प्रभावकारिता पूरी तरह से साबित नहीं हो पाई है। तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों का अध्ययन किया जा रहा है। भारत बायोटेक ने कहा है कि वैक्सीन की खुराक लगने का मतलब यह नहीं है कि इसके बाद कोविड-19 से बचाव के लिए निर्धारित अन्य मानकों का पालन करना बंद कर दिया जाए। यही वजह है कि कंपनी ने उन सावधानियों को बरतने की जरूरत समझी है, जिन्हें नजरअंदाज करने पर इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। सरकार ने भी कह दिया है कि एक शख्स को एक ही वैक्सीन के दोनों डोज लेने होंगे।
फैक्टशीट में कहा गया है कि क्या आप नियमित रूप से दवा ले रहे हैं या काफी समय से बीमार हैं? टीकाकरण अधिकारी को अपनी सभी चिकित्सा स्थितियों के बारे में बताएं। अगर हां तो कब से और किस हालत में हैं। आगे कहा कि टीकाकरण की दूसरी खुराक के बाद तीन महीने तक सभी टीका प्राप्तकर्ताओं का फॉलोअप किया जाएगा।
फैक्टशीट के मुताबिक, कोवैक्सीन के लगाए जाने पर अगर किसी लाभार्थी को कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है अथवा वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता तो उसे सरकारी अस्पताल में देखरेख की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इतना ही नहीं, गंभीर प्रतिकूल घटना के लिए मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा।
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