निर्भय सक्सेना, बरेली। कोविड-19 (कोरोना वायरस) की दूसरी लहर में भारत में अप्रैल, मई और जून में हजारों लोग काल कवलित हुए। कुछ ऐसे परिवार भी हैं जहां पति-पत्नी दोनों हॉस्पिटल में जीवन के लिए संघर्ष करते हुए 20 से 25 दिन के अंदर अपनी जान गंवा बैठे और पति या पत्नी को उनके परिवारीजनों ने यह अहसास ही नहीं होने दिया कि उनका जीवनसाथी अब इस दुनिया में नहीं है, ताकि किसी एक का ही हो सके तो जीवन बच सके। अब बच्चों को माता-पिता के इस तरह एकाएक चले जाने का गम ताउम्र सालता रहेगा।
बरेली में चाहबाई के रहने बाले सेना के ऑडिट विभाग से सेवानिवृत्त महेंद्र प्रकाश सक्सेना की पत्नी आभा सक्सेना कोरोना संक्रमित होकर 1 मई 2021 को स्वर्ग सिधार गईं। महेंद्र प्रकाश और उनका पुत्र अमित सक्सेना आदि घर के लोग क्वारंटाइन होने के कारण उनकी अंत्येष्टि में भी शामिल नहीं हो सके। इसके 20 दिन बाद ही 20 मई को कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए गाजियाबाद के अस्पताल में भर्ती महेंद्र प्रकाश सक्सेना का भी निधन हो गया। महेंद्र प्रकाश का एक पुत्र राजीव सक्सेना ब्रेन हैमरेज एवं पक्षाघात के बाद जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है। महेंद्र प्रकाश के दूसरे पुत्र अमित सक्सेना के अनुसार, मई 2021 में 20 दिन दिन के अंतराल में उनके सिर से माता-पिता दोनों का साया उठ गया। पिता की गंभीर हालत के चलते वह उन्हें यह भी नहीं बता सके कि मां का कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो चुका है।
इसी तरह वीरेंद्र नगर, नई दिल्ली के आशीष देवगन और उनकी बहन नेहा देवगन वरन्दानी ने अपने पिता मदन देवगन और मां मंजुलिका देवगन को कोरोना संक्रमित होने पर दिल्ली के द्वारका के एक हॉस्पिटल में 5 मई 2021 को भर्ती कराया। मदन देवगन का 13 मई 2021 को निधन हो गया। इसके 25 दिन बाद ही 7 जून 2021 को मंजुलिका देवगन की भी सांसें थम गईं। इस तरह 25 दिन के अंतराल में ही आशीष और नेहा के सिर से माता-पिता का साया उठ गया।
बरेली निवासी रुचिका सक्सेना का कहना है कि लगभग एक माह के अंदर ही उनकी सास आभा सक्सेना और ससुर महेंद्र प्रकाश के साथ ही उनके मौसा मदन देवगन तथा मौसी मधुलिका सिन्हा एवं मंजुलिका देवगन कोरोना संक्रमण की वजह से दुनिया छोड़ गए।