बरेली। कोरोना वायरस का संक्रमण देश भर में बढ़ ही रहा है। इस कोरोना संकट ने विकास की रफ्तार पर ब्रेक लगाने शुरू कर दिये हैं। कोरोना महामारी से लड़ने में हो रहे बेतहाशा खर्च ने बजट गड़बड़ा दिया है। ऐसे में सरकार ने विकास की नई परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। फिलहाल सिर्फ अधूरी परियोजनाओं को ही पूरा करने के निर्देश जारी किये गये हैं। बरेली में इसका असर कुछ यूं पड़ेगा कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, एसटीपी के साथ ही अनेक सड़कों और फ्लाईओवर-ओवरब्रिज के काम फिलहाल रुक गये हैं।
बता दें कि मार्च में लॉकडाउन से पहले प्रशासन सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए रजऊ परसरपुर के पास सथरापुर में करीब 10 एकड़ जमीन खरीदने का फैसला कर चुका था। वर्ष 2005 में मंजूरी मिलने के बाद से यह प्रोजेक्ट इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी के पास सटी जमीन पर बना था, लेकिन 2014 में एनजीटी के आदेश पर प्लांट बंद हो गया। इसके बाद कई और अड़चर्नें आइं, लेकिन करीब छह महीने से इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा करने में प्रशासन और नगर निगम के अफसर जुटे हुए थे। रजऊ के पास सथरापुर में 43 किसानों से जमीन खरीदने का सौदा भी हो गया था, लेकिन शासन से मंजूरी मिलतने से पहले ही कोरोना संकट ने इसमें अड़ंगा लगा दिया।
इसी तरह नमामि गंगे परियोजना के तहत ट्रीटमेंट प्लांट यानी एसटीपी के भी जल्द शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं है। प्रशासन यहां नदी के किनारे प्लांट लगाने के लिए चौबारी, कतारपुर, हरूनगला और तुलाशेरपुर में जमीन के अधिग्रहण की तैयारी कर रहा था। किसानों से बात भी हो गई थी, लेकिन यह प्रोजेक्ट भी कोरोना संकट के चलते ठप हो गया है। उधर, पुराने रोडवेज बस अड्डे को मिनी बाईपास पर सेंट्रल जेल की जमीन पर शिफ्ट कराने की तैयारी थी। शासन से मंजूरी भी मिल गई थी। कमिश्नर ने स्मार्ट सिटी के तहत पुराने रोडवेज पर मल्टीस्टोरी पार्किंग की योजना भी तैयार कर ली थी लेकिन यह प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में चला गया है।
शासन के निर्देश के बाद अब अधूरी परियोजनाओं को पूरा करना है। इसमें सेतु निगम की भी तमाम परियोजनाएं शामिल है। आईवीआरआई ओवरब्रिज का काम करीब डेढ़ साल से लटका है। रेलवे ने नवंबर-दिसंबर में तेजी दिखाई थी और गार्डर रखने सहित कई काम कराए थे, लेकिन बाद में ये काम ठप हो गया। लालफाटक पर कैंट एरिया में सेना की जमीन के अधिग्रहण को लेकर प्रशासन और सेतु निगम ने तीन महीने पहले जो तेजी दिखाई थी, वह भी अब ठहर गई है। इससे ओवरब्रिज और सर्विस रोड का काम बंद है। हालांकि चौपुला पर सेतु निगम ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में लेबर लगाकर कुछ काम शुरू कराया है। सेटेलाइट ओवरब्रिज पर पुल की छत बनानी शुरू कर दी है। रामगंगा चौबारी में भी पुल का अधूरा काम तेजी से पूरा कराया जा रहा है।
दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर बरेली से सीतापुर के बीच फोरलेन का करीब चार साल से ठप काम पूरा हो सकेगा। एनएचएआई ने करीब सात सौ करोड़ के दोबारा टेंडर कराए हैं। अभी लेबर न मिलने से काम नहीं शुरू हो पा रहा है।
आर्थिक संकट के बीच शासन ने अवकाश यात्रा, सुविधा, स्टेशनरी खरीद, छपाई, वर्दी सहित कई मदों में 25 प्रतिशत तक की कमी के निर्देश दिए हैं। नए पद भी सृजित नहीं होंगे। नए सरकारी वाहनों की खरीद पर रोक के साथ ही अफसरों की एग्जीक्यूटिव और बिजनेस क्लास यात्रा पर भी प्रतिबंध रहेगा। होटलों में सेमिनार या दूसरे सरकारी आयोजन भी नहीं होंगे।
अनावश्यक खर्चों को कम करने के लिए शासन से गाइडलाइन मिलती रहती हैं। उनका अनुपालन होगा। खर्चीले सेमिनार और दूसरे सरकारी कार्यक्रमों पर अंकुश रहेगा। – नितीश कुमार, डीएम
कण्टेण्ट अमरउजाला से साभार
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