बरेली। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (रोडवेज) के बदायूं डिपो में वरिष्ठ लिपिक के वेतन खातों से उड़ाए गए साढ़े पांच लाख रुपये साइबर ठगों के पांच खातों में ट्रांसफर किए गए थे। इनमें से तीन खातों का पता-ठिकाना मिल गया है। एक खाता सीज करा दिया गया है जिसमें कुछ रकम बची रह गई थी। इस रकम को ठग निकाल नहीं सके थे। दो खातों का पता नहीं चल सका है। मामले की बैंक को सूचना देने के बाद पुलिस में भी शिकायत दर्ज करा दी गई है। अब पुलिस के सक्रिय होने का इंतजार है।

परिवहन निगम के बदायूं कार्यालय में सोहन पाल वरिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत हैं। वह कर्मचारियों की भविष्य निधि का काम देखते हैं। सोहनपाल के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और इंड सइंड बैंक की स्थानीय शाखा में खाते हैं। इनमें उनके वेतन आदि की रकम आती है।

ऐसे उड़ाई रकम, फर्जी था कस्टमर केयर नंबर

सोहनपाल के पास 13 मार्च 2021 को इंड सइंड बैंक खाते से सिग्नेचर एटीएम चार्ज के नाम पर 8,850 रुपये कटने का संदेश आया। उन्होंने तुरंत गूगल पर बैंक का कस्टमर केयर नंबर तलाश कर रकम वापस कराने को कहा। इस पर उनसे एक एप डाउनलोड कराया गया। इसके बाद उनसे न केवल इंड सइंड बैंक की पूरी डिटेल भरवा ली गई, बल्कि पीएनबी के खाते की भी जानकारी ले ली गई। बाद में उनसे ओटीपी नंबर भी पूछ लिया गया। चूंकि बात कस्टमर केयर से हो रही थी, इसलिए उन्होंने बेहिचक सारी जानकारी दे दी। एप पर सारी जानकारी लोड होते ही सोहनपाल के खाते से रकम खिसकना शुरू हो गई। करीब 20-25 बार में उनके दोनों खातों से साढ़े पांच लाख रुपये उड़ा लिये गए।

घबराए सोहनपाल ने अपनी बैंक शाखाओं पर संपर्क किया तो पता चला कि उनके साथ साइबर ठगी हो चुकी है। यानी ठग गूगल पर कस्टमर केयर नंबरों में भी जालसाजी कर रहे हैं। बैंक से उन्हें पुलिस में जाने की सलाह दी गई। वे भागे-भागे कोतवाली पहुंचे लेकिन उन्हें कोई खास तवज्जो नहीं दी गई। बड़े पुलिस अधिकारी से मिले तो साइबर सेल में शिकायत कराने की सलाह दी गई। सोहनपाल ने बरेली की दौड़ लगाई और साइबर क्राइम थाने में तहरीर दी। यहां भी उन्हें तहरीर की रिसीविंग नहीं दी गई। परेशान होकर उन्होंने बरेली के एसएसपी कार्यालय में भी अर्जी लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

बैंक स्टेटमेंट से पता चले ठगों के खाते

चार दिन सोहनपाल को भटकाने के बाद बदायूं पुलिस ने 17 मार्च को शिकायत दर्ज की। सोहनपाल रिपोर्ट की कॉपी लेकर बैंक पहुंचे। उन्होंने दोनों बैंकों से स्टेटमेंट निकलवाए तो पता चला कि उनके खाते से ठगों के पांच खातों में रकम ट्रांसफर की है। इनमें से एक खाता हरियाणा के सोनीपत स्थित एसएस पार्क स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में नेहा पुत्री कृष्ण कुमार शुक्ला के नाम से है। इस खाते में सोहनपाल के खाते से डेढ़ लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। नेहा के खाते में करीब 55 हजार की रकम शेष थी। बदायूं शाखा से सोनीपत संपर्क कर इस खाते को सीज करा दिया गया। इसके अलावा कर्नाटक में बेंगलूरू के सुमइया कुमार नामक शख्स के खाते में पेटीएम के जरिए रकम उड़ाकर जमा की गई। पेटीएम के जरिये ही सायरा नामक एक महिला के खाते में रुपये ट्रांसफर किए गए। यह महिला कहां की है, यह पता नहीं चल सका। इस तरह पीएनबी खाते से साढ़े चार लाख और इंड सइंड बैंक खाते से कुल 99,999 रुपये उड़ाए गए। इंड सइंड बैंक वाले खाते से रकम मुंबई स्थित आईडीएफसी में डाली गई। सोहनपाल का कहना है कि सारी जानकारी उन्होंने जुटा ली है, अब पुलिस की सक्रियता का इंतजार है। वह करीब तीस बरस से वह रोडवेज में नौकरी कर रहे है। मेहनत से जुटाई गई इस रकम के डूब जाने का खतरा उन्हें सता रहा है। पुलिस कार्रवाई में देरी का ठग फायदा उठा सकते हैं।

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