Bareillylive : हाथरस (ब्रज प्रांत, उत्तर प्रदेश)। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा, पर्यावरणीय संतुलन और सांस्कृतिक संप्रभुता के त्रैतीय संगम का तेजस्वी प्रभात उस क्षण उदित हुआ, जब भारत-तिब्बत सहयोग मंच, हाथरस जनपद कार्यकारिणी के तत्वावधान में 24 अप्रैल 2025 को बालाजी कंपलेक्स, सर्कुलर रोड स्थित होटल श्री में एक वैचारिक संकल्प सभा का भव्य आयोजन हुआ।
इस गरिमामयी अवसर पर प्रांतीय उपाध्यक्ष, सुरेश अग्रवाल जी के मार्गदर्शन में ब्रज प्रांत के प्रांत अध्यक्ष शैलेंद्र विक्रम जी का वैदिक परंपरा अनुसार उत्तरीय वरण एवं प्रतीकचिह्न समर्पण द्वारा अभिनंदन सत्कार किया गया।

शैलेंद्र विक्रम ने अपने ओजपूर्ण भाषण में घोषणा की कि भारत तिब्बत सहयोग मंच का 26वां स्थापना दिवस दिनांक 5 मई 2025 को आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक डॉ. इंद्रेश कुमार जी एवं राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल जी के नेतृत्व में एक देशव्यापी चेतना अभियान के रूप में मनाया जाएगा। इस राष्ट्रव्रत की अग्रगामी योजना के अंतर्गत, 3 से 9 मई 2025 के मध्य हाथरस जनपद (ब्रज प्रांत) में विविध सांस्कृतिक एवं सामाजिक जागरण कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। प्रबुद्धजन संवाद गोष्ठियाँ, युवा प्रेरणा मोटरसाइकिल रैलियाँ जनजागरण पदयात्राएँ, स्वदेशी जागृति अभियान इन कार्यक्रमों का केन्द्रीय उद्देश्य होगा, चीनी विस्तारवाद की वैचारिक पराजय तथा कैलाश मानसरोवर की मुक्ति हेतु जनसंकल्प की दिव्य जागृति। इस अवसर पर मंच के चार मूल स्तंभों का स्मरण कराया। कैलाश धाम की आध्यात्मिक स्वाधीनता का पुनःस्थापन, तिब्बत की सांस्कृतिक एवं भौगोलिक मुक्ति का समर्थन, पर्यावरणीय संतुलन एवं जैव विविधता की सुरक्षा, भारतीय सीमाओं की अडिग अखंडता एवं सामरिक संरक्षा। प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल जी ने उत्साही स्वर में आह्वान किया। कैलाश केवल भूगोल नहीं, वह भारत की आत्मा है। उसकी मुक्ति हेतु किया गया प्रत्येक कर्म, राष्ट्र के पुण्य यज्ञ का आहुति स्वरूप है।”

सभा में पारित संकल्पों में यह घोषणा की गई कि चीनी उत्पादों का वैचारिक बहिष्कार, प्लास्टिक रहित जीवनशैली का विस्तार, योजनाबद्ध वृक्षारोपण अभियान, जनमानस के दैनिक व्यवहार में उतारा जाएगा।
हालिया पहलगाम हत्याकांड में दिवंगतों को श्रद्धांजलि स्वरूप दो मिनट का मौन रखा गया और सरकार से विधर्मियों के विरुद्ध तीव्रतम संवैधानिक एवं सैन्य प्रतिशोध की मांग की गई।
यह आयोजन केवल एक सभा नहीं, अपितु भारत की आध्यात्मिक विरासत, वैचारिक दृढ़ता और राष्ट्रभक्ति के नवोदय का शंखनाद बनकर सांस्कृतिक पुनर्जागरण का ध्येय वाक्य बन गया।
इस कार्यक्रम में लोकेश अग्रवाल, तरुण पंकज, डॉ. दिनेश माहेश्वरी, कुलदीप जी, शिवम गुप्ता, देवो लाला, जलज अग्रवाल सहित अनेक समर्पित राष्ट्रसेवको सहभागिता निभाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!