बरेली, 16 जनवरी। श्री गुरू गोविन्द सिंह जी के प्रकाश पर्व पर गुरू की अमृतवाणी का संचार हुआ। भव्य दीवान सजा और अरदास के बाद संगत ने अटूट लंगर छका। सिख सेन्ट्रल प्रबन्ध कमेटी गुरूद्वारा गुरूनानक दरबार की ओर शनिवार को मुख्य दीवान बिशप मण्डल इण्टर कालेज में सजाया गया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम गुरवाणी सेवा सोसाइटी के जत्थे ने गुरू ग्रन्थ साहिब को गुरूद्वारा पंजाबी सत्संग सभा सिविल लाइंस से शबद कीर्तन करते हुये लाकर मुख्य पण्डाल में स्थापित किया। अरदास के बाद सिक्ख मिशनरी कालिज के विद्यार्थियों ने शबद ‘‘देह शिवा वर मोहि ऐह, शुभ करमन ते कबहूं न डरों न डरों अरसों, जब जाए लरों निश्चै कर अपनी जीत करों’’गायन किया। रागी भाई विपिन दीप सिंह ने शबद ‘हे रव हे सस हे करूणा निधि मेरी अबै बिनती सुन लीजैं और न मांगत हउं तमते किछ चाहत हउं चित मैं सोई कीजैं। रागी भाई बलवन्त सिंह ने शबद ‘‘इन्ही की कृपा के सजै हम, नहीं मो से गरीब करोड़ पडै’’।
जनकपुरी के रागी भाई रंगरेज सिंह ने शबद ‘‘तीह प्रकाश हमारा भयो पटना शहर बिसै भव लयों’’ सिक्ख मिशनरी कालिज के जत्थे ने शबद ‘‘गोविन्द हम ऐसे अपराधी’’ का शबद गायन किया। इस मौके पर सिक्ख मिशनरी कालिज माता भाग कौर ग्रुप द्वारा धार्मिक पुस्तकों का स्टांल लगाया गया। विभिन्न संस्थाओं द्वारा चाय, काॅफी के स्टाल लगा रखे थे। सर्द हवाओं के बाद भी संगत ने उत्साह से गुरू साहिब का पर्व धूमधाम से मनाया। गुरू का लंगर अटूट बांटा गया।
रात्रि के दीवान गुरूद्वारा गुरूनानक दरबार, पीले क्वाटर एवं जनकपुरी गुरूद्वारा में सजाए गए। काफी सर्दी के बावजूद बड़ी संख्या में संगत ने गुरबाणी कीर्तन का आनन्द लिया। गुरू इतिहास पर प्रकाश डालते हुये भाई लखविन्दर सिंह ने बताया कि ‘‘गुरूनानक देव जी द्वारा चलाया गया पंथ’’भारियां सिक्का जगत विच नानक निरमल पंथ चलाया’’को खालसा सजाकर सम्पर्क किया और कहा खालसा मेरो रूप है खास खालसे मे हंउ करों निवास’’कार्यक्रम में कुलजीत सिंह, गुरदीप सिंह, मालिक सिंह, कुलदीप सिंह, हरनाम सिंह, विक्की बग्गा, अमरदीप सिंह, देवेन्द्र पाल सिंह, सुरेन्द्र कुमार आदि का विशेष योगदान रहा।