बरेली। हिन्दुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज पर विद्यार्थियों के प्रवेश लेने पर लगी रोक डीएम ने फिलहाल हटा ली है। बुधवार को एक पत्र जारी कर डीएम राघवेन्द्र विक्रम सिंह ने हिन्दुस्तान इंस्टीट्यूट की प्रवेश प्रक्रिया पर लगी रोक हटाने के आदेश दिये हैं। इस आदेश से इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों एवं प्रबंधन में प्रसन्नता की लहर है।
संस्थान के निदेशक डॉ. विनोद कुमार यादव ने कहा कि संस्थान में एडमिशन लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं का भविष्य पूरी तरह से सुरक्षित है। विद्यार्थियों की पढाई में कोई व्यवधान नहीं आने दिया जायेगा। बताया कि अब सत्र 2017-18 में एडमिशन लेने की प्रक्रिया पहले की तरह सुचारू हो सकेगी।
ये था मामला
बता दें कि खुद को पत्रकार बताने वाले कुछ लोगों ने डॉ. विनोद कुमार यादव के पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट की वैधता सम्बन्धी शिकायत बरेली के तत्कालीन डीएम से की थी। शिकायत के बाद डीएम के आदेश पर उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. आर. पी. यादव के माध्यम से पैरामेडिकल इस्टीट्यूट की पूरी प्रवेश प्रकिया पर ही रोक लगा दी गई थी। इस वजह से इस्टीट्यूट के छात्र- छात्राओं में भविष्य को लेकर संशय का माहौल बन गया था।
डीएम के नाम पर हुई थी उगाही की कोशिश
इस बीच खुद को पत्रकार बताने वालों ने इंस्टीट्यूट संचालक से फोन कर डीएम के नाम पर रिश्वत मांगी थी। संचालक ने वह आडियो वायरल कर दिए थे और कोर्ट का सहारा लिया। एडवोकेट सुनील सक्सेना के प्रयास से विनोद यादव को राहत मिली। कोर्ट के आदेश पर डीएम ने हिन्दुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस की प्रवेश प्रक्रिया पर लगी रोक हटाने के आदेश कर दिए हैं।