बरेली, BareillyLive : जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने रासायनिक खादों के उपयोग से हो रहे दुष्प्रभावों पर चिन्ता जतायी है। डीएम का कहना है कि इससे भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है। लगातार रासायनिक खादों के प्रयोग से धरती के बंजर होने का खतरा रहता है। डीएम श्री द्विवेदी यहां विकास भवन सभागार में आयोजित किसान दिवस में किसानों को सम्बोधित कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने कृषकों से रासायनिक खाद का कम से कम प्रयोग करने की अपील की। उन्होंने कम लागत से प्राकृतिक खेती अपनाने पर विशेष जोर देते हुए रसायनिक उर्वरक/कृषि रक्षा रसायन के स्थान पर गाय के गौमूत्र से बनने वाले उत्पादो का प्रयोग करने की सलाह दी। साथ ही रसायन रहित फसलों की खेती की वकालत की। , जिससे कृषक रसायन रहित कृषि उत्पादों की अधिक मूल्य पर बिक्री कर अपनी आय बढ़ा सकें।
अपने फोन में प्लेस्टोर से डाउनलोड कर लें दिशा एप
उन्होंने कृषकों से कहा कि वे सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी के लिए अपने फोन में दिशा एप प्लेस्टोर से डाउनलोड कर लें। उन्होंने किसान दिवस में फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में कृषकों को जानकारी दी। बताया कि पराली उपयोग हेतु जनपद में बायो गैस प्लांट ग्राम रजउ परसपुर, विकासखण्ड फरीदपुर, तहसील फरीदपुर में संचालित है। सभी कृषकगण अपनी फसल के अवशेष बायो गैस प्लांट पर विक्रय कर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को आवारा पशुओं को पशु आश्रय ग्रह में सुरक्षित किये जाने के निर्देश भी दिये।
31 जुलाई तक फसल बीमा कराने की अपील
उप कृषि निदेशक दीदार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा वर्ष-2023 में खरीफ एवं रबी की कार्य योजना प्राप्त हुई हैं, जिसमें जनपद बरेली हेतु फसल बीमा कम्पनी इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को नामित किया गया है। योजना के अन्तर्गत प्रतिकूल मौसम स्थितियों से अधिसूचित फसलों को क्षति होने की स्थिति में बीमित कृषकों को बीमा कवर/क्षतिपूर्ति का लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से कृषकों के द्वारा योजना का लाभ लेने हेतु 31 जुलाई, 2023 तक फसल बीमा कराने की अपील की।
वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ0 आर0एल0 सागर ने कहा कि इस समय धान की रोपाई का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है, धान की फसल के साथ ज्वार, बाजरा, उर्द, मूंग एवं तिल की बुवाई का भी यह उचित समय है। इस समय वर्षा की नमी का लाभ कृषक फसल बुवाई में प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण प्रबंधन हेतु जानकारी भी कृषको को दी।
वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ0 रंजीत सिंह ने कृषकों को वर्षा में जल संरक्षण, खेतों की मेड़बन्दी के साथ ही वृक्षारोपण कर पर्यावरण जागरूकता की जानकारी उपलब्ध करायी। डॉ0 सिंह ने वर्षा में बोयी जाने वाली सब्जियों की खेती के बारे में जानकारी दी। जिसमें मिर्च, बैंगन, शिमला मिर्च आदि की पौध पॉली हाउस के माध्यम तैयार स्वस्थ पौध के रोपाई करने की जानकारी दी। आयोजित किसान दिवस में उपस्थित सुश्री नूपुर दत्ता ने कृषकों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि विभिन्न प्रकार की फसलों, पौधों एवं फलदार वृक्षों में इन जैविक उत्पादों के प्रयोग से कम लागत में अधिक जैविक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
कृषकों ने रखी अपनी समस्या
किसान दिवस में कृषकों द्वारा अपनी सुझाव एवं समस्याऐं रखी गयीं। कृषक बलविन्दर सिंह द्वारा शिकायत की गयी कि सहकारी समितियों से खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। कृषक राकेश गंगवार तहसील बहेड़ी के द्वारा वृक्षारोपण अभियान के अन्तर्गत फलदार वृक्ष उपलब्ध कराने की मॉग की गयी। भारतीय किसान यूनियन के राकेश कुमार के द्वारा ग्रामों में आवारा पशुओं को गौशालाओं में संरक्षित किये जाने की मॉग की गयी।
किसान दिवस में मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश, उप निदेशक कृषि दीदार सिंह, जिला उद्यान अधिकारी पुनीत कुमार पाठक, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, आईवीआरआई के कृषि वैज्ञानिक, जनपद के प्रगतिशील कृषक सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।