BareillyLive : भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में आज दो दिवसीय अन्तराष्ट्रीय कार्यशाला ”जलवायु परिवर्तन के तहत चिरस्थायी पशुधन उत्पादन“ का आरम्भ हुआ। यह कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया-भारत परिषद (एआईसी) द्वारा प्रायोजित है। इस कार्यशाला में ऑस्ट्रेलिया एवं भारत के 250 से अधिक प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहें हैं। यह कार्यशाला ऑनलाइन भी आयोजित की जा रही है जिससे आस्ट्रेलिया के प्रशिक्षणार्थी भी इस कार्यशाला का लाभ उठा रहे हैं। कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बोलते हुये मेलबर्न विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ व्याख्याता एवं परियोजना प्रमुख डा. एस. एस. चौहान ने मेलबर्न विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया की ओर से सभी का स्वागत करते हुये कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य पशुधन उत्पादन पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में सहयोगात्मक अनुसंधान है।उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से न केवल क्षेत्रीय एवं वैश्विक प्रभाव देखने को मिल रहें अपितु संपूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक एवं मानवीय दोनों हैं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इस संस्थान के कई मास्टर एवं पीएचडी छात्र इस कार्यशाला में भाग ले रहें हैं। मेलबर्न विश्वविद्यालय के बारे में बताते हुये उन्होंने कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया की सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का परिषद के अन्य संस्थानों से भी सहभागिता है।

संस्थान निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने आस्ट्रेलिया-भारत परिषद (एआईसी) के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि बढ़ती आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनश्चित करने के लिए आवश्यक कदम, सहयोगात्मक अनुसंधान तथा युवाओं की भागीदारी की आवश्यकता है इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन से सम्बन्धित किसान जागरूकता गतिविधियाँ भी बहुत आवश्यक हैं। उन्होंने संस्थान द्वारा चलाये जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया।इस कार्यशाला के सह-संयोजक एवं संस्थान के शैक्षणिक कोर्डिनेटर डा. ज्ञानेन्द्र सिंह ने कार्यशाला के बारे में बताते हुये कहा कि इस दो दिवसीय कार्यशाला में लगभग 250 से अधिक प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं। इस कार्यशाला में जलवायु परिवर्तन से पशुधन सम्बन्धी कारणों पर विस्तार से बताया जायेगा।

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