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बरेली@BareillyLive. बरेली पुलिस ने फर्जी इण्टेलीजेन्स नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। फर्जी संगठन के नाम पर सदस्यता का आईकार्ड देने के बदले मोटी रकम ऐंठने वाले आरोपी को पुलिस ने छापामार कर गिरफ्तार कर लिया। वह 12वीं फेल है और उत्तराखण्ड में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है।

उत्तराखण्ड में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाला बारहवीं फेल युवक विजय मैसी ने प्रेमनगर क्षेत्र में एक इंटेलिजेंस नेटवर्क का फर्जी दफ्तर खोल रखा था। खुद को उसका निदेशक बताकर लोगों को सदस्य बनाता और आईकार्ड जारी करता था। इसके बदले वह इन लोगों से मोटी रकम ऐंठता था।

शहर कप्तान मानुष पारीक के निर्देशन में पुलिस ने इस ठगी के जाल को तोड़ते हुए आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया।

(19) Bareilly Police on X: “थाना प्रेमनगर व एसओजी #bareillypolice द्वारा फर्जी कोवर्ट इन्टेलीजेन्ट नेटवर्क सोशल वेलफेयर एसोसियेशन चलाकर लोगों को गुमराह करके फर्जी आईकार्ड, नियुक्ति-पत्र बनाने वाले शातिर अभियुक्त को किया गया गिरफ्तार। #UPPolice https://t.co/0fhlunv4nO” / X

विजय मैसी ने प्रेमनगर में अपने फर्जी संगठन “कोवर्ट इंटेलिजेंट नेटवर्क सोशल वेलफेयर एसोसिएशन” का कार्यालय बनाया हुआ था। इसके आईकार्ड के जरिये लोग टोल टैक्स और पुलिस चेकिंग से बचने का प्रयास करते थे।

पुलिस के अनुसार आरोपी सरकारी अधिकारियों और विभागों के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र और आवेदन पत्र भी तैयार करता था। वह कई लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के सपने दिखाकर उनसे रुपये भी ऐंठ चुका था।

एसपी सिटी की अगुवाई में छापेमारी

शहर कप्तान मानुष पारीक ने बताया कि पुलिस को विजय मैसी की ठगी के बारे में गोपनीय इनपुट मिला था। इसके आधार पर सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव और प्रेमनगर थाना प्रभारी आशुतोष सोलंकी की टीम ने पटेलनगर क्षेत्र में छापा मारा।

पुलिस को मौके से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज मिले, जिनमें पुलिस कलर के आईकार्ड, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के फर्जी नियुक्ति पत्र, विभिन्न जिलों के डीएम के फर्जी दस्तावेज और अन्य सरकारी विभागों से जुड़े कागजात शामिल थे।

इसके अतिरिक्त, विजय मैसी की एक कार भी जब्त की गई, जिस पर पुलिस की पट्टी लगी थी और “डायरेक्टर” लिखा हुआ था।

लोन और नौकरी दिलाने के नाम पर भी ठगी

पुलिस के अनुसार विजय मैसी केवल पहचान पत्र ही जारी नहीं करता था बल्कि वह लोगों को लोन दिलाने, सरकारी विभागों में शिकायतों का निस्तारण कराने और सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर भी लोगों से धन ऐंठता था। पुलिस को संदेह है कि विजय मैसी के साथ इस ठगी के खेल में कई और लोग भी हैं।

एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि “आरोपी पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस इस पूरे नेटवर्क के अन्य सदस्यों को भी जल्द गिरफ्तार करने के लिए जांच में जुटी हुई है।”

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