बरेली। पिछले महीने कोरोना से जान गंवाने वाले एसडीएम डॉ. प्रशान्त चौधरी की पत्नी को उत्तर प्रदेश सरकार ने समूह ‘ग’ की नौकरी मृतक आश्रित के तहत देने के निर्देश जारी किये हैं। इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए दिवंगत एसडीएम के परिवार के लोग बुधवार को यहां आये उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिले। डिप्टी सीएम से समूह “ख” के तहत राजपत्रित पद की मांग की। फिलहाल उन्हें सम्मानजनक नौकरी का आश्वासन मिला है। इस बीच विधायक पप्पू भरतौल ने उनकी हर संभव सहायता की बात कही है।
बरेली में नवनियुक्त एसडीएम डॉ. प्रशान्त चौधरी की बीते 3 मई तो कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गयी थी। वह बरेली के एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे। हालत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में एअर एम्बुलेन्स से ले जाया जा रहा था पर वहां पहुंचने से पहले की उसकी सांसें थम गयीं।
बुधवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बरेली में थे। उनसे मिलने दिवंगत एसडीएम डॉ. प्रशान्त चौधरी के पिता रिटायर्ड जिला जज धर्मवीर सिंह, पत्नी प्रीति मिश्रा, मां और बहन आये थे। गोद में प्रशान्त का छोटा सा बच्चा था। किसी तरह मौर्य तक पहुंचे इस परिवार ने रोते हुए अपनी व्यथा कही।
बताया कि डॉ. प्रशान्त एसडीएम नियुक्त होने से पूर्व भी वाणिज्य कर अधिकारी थे। बाद में पीसीएस बनने के बाद बरेली में उन्हें अप्रैल माह में ही एसडीएम के रूप में ज्वाइनिंग मिली थी। इसी दौरान वह कोरोना से संक्रमित हो गये। उन्हें बरेली के एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। वहां कई दिन इलाज के बाद भी उनकी हालत बिगड़ती चली गयी। अंततः वह मौत से हार गये।
डॉ. प्रशान्त के पिता धर्मवीर सिंह ने बताया कि अभी तक उनके परिवार को कोई सहायता राशि सरकार की ओर से नहीं मिली है। हालांकि दो दिन पूर्व उनकी पुत्रवधू प्रीति मिश्रा को मृतकाश्रित मानते हुए बरेली के डीएम को उन्हें समूह ग अथवा घ के तहत नियुक्ति प्रदान करने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने पीसीएस अधिकारी की अतिशिक्षित पत्नी को तृतीय श्रेणी की नौकरी के निर्देश को दिवंगत एसडीएम का अपमान बताया है। बताया कि अभी तक जितने भी पीसीएस अधिकारी सेवाकाल में काल कवलित हुए हैं उनके परिजन को 5400 के ग्रेड में समूह ख राजपत्रित अधिकारी के रूप में ओएसडी पद पर तैनाती मिली है। फिर उनके परिवार के साथ ये अन्याय क्यों?
दिवंगत एसडीएम की पत्नी प्रीति मिश्रा ने बताया कि पिछले दिनों लखनऊ में ही एक पीसीएस अधिकारी की मृत्यु हुई थी। इससे पूर्व प्रतापगढ़ में एक पुलिस क्षेत्राधिकारी की मृत्यु हो गयी थी। दोनों के परिवारीजन को ओएसडी पद पर तैनाती मिली है, जबकि उन्हें समूह ग की नौकरी का ऑफर है। यह कैसा सम्मान है योग्यता का? उन्होंने बताया कि वह डबल पोस्टग्रेजुएट हैं। साथ ही अन्य कई डिप्लोमा आदि भी किये हैं। उनके पति दिवंगत प्रशान्त चौधरी पीएचडी और पोस्ट डॉक्टरेट थे। ऐसे में हमारी मांग है कि हमें भी समूह ख के तहत राजपत्रित पद पर तैनाती मिले।
प्रीति ने बताया कि इस मामले को लेकर उनका परिवार डिप्टी सीएम से मिला है। उन्होंने तत्काल ही इस मामले में उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
जब यह परिवार डिप्टी सीएम को व्यथा सुना रहा था, उस दौरान वहां बरेली जिले के सभी कई विधायक, मेयर आदि भी मौजूद थे। बाद में बिथरी विधायक पप्पू भरतौल उठकर बाहर आये और पीड़ित परिवार को मदद का आश्वासन दिया। कहा कि उनको सम्मानजनक पद दिलाने के लिए वे पूर्ण प्रयास करेंगे।
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