BareillyLive : कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार की अध्यक्षता में कल बरेली, अलीगढ़ एवं आगरा की मण्डलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2023 का आयोजन आई0वी0आर0आई0 आडिटोरियम इज्जतनगर में सम्पन्न हुआ। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कृषि एवं सम्वर्गीय विभागों/संस्था के स्टॉल/प्रदर्शनी का अवलोकन किया। अवलोकन के दौरान इन सीटू योजनान्तर्गत पराली फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु फार्म मशीनरी बैंक योजनान्तर्गत मिलक एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लि0 के निदेशक प्रमोद कुमार, ग्राम मिलक कलारा, विकास खण्ड भोजीपुरा को ट्रैक्टर की चाबी, एम0बी0 प्लाउ दिया गया तथा खुशी एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर लि0 के निदेशक बाबूराम ग्राम सिथरा, विकास खण्ड नबावगंज को ट्रैक्टर की चाबी तथा सुपर सीडर दिया गया। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लाभार्थी अनुज कुमार, ग्राम पिंडारी, तहसील बहेड़ी तथा प्रेमपाल कश्यप ग्राम बड़ोरी, तहसील बहेड़ी, जनपद बरेली को मोटर साईकिल की चाबी एवं मछलियों को सुरक्षित रखने हेतु आईसबाक्स दिया गया। अतिथियों एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को कृषि से सम्बन्धित कृषि की नवीनतम तकनीकी की जानकारी दी गयी। तीनों मण्डलों के प्रगतिशील कृषकों द्वारा अपने अनुभव, सुझाव एवं समस्याओं को रखा गया।
मण्डलायुक्त बरेली सौम्या अग्रवाल ने बताया कि पराली प्रबन्धन पर बरेली मण्डल के प्रत्येक जनपद में सी0 बी0 जी0 प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं। वर्तमान में यह प्लांट जनपद बदायूं के दातागंज तहसील में संचालित है। पराली मंडी एप प्ले स्टोर से डाउनलोड करके कृषक अपना पंजीकरण करा लें, जिससे कृषकों की पराली की समस्या का समाधान भी हो जायेगा तथा उससे कृषकों की आय में भी वृद्धि होगी। साथ ही यह भी अवगत कराया कि मण्डल में बीज, खाद, कृषि रक्षा रसायन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसमें किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जायेगी। मण्डलायुक्त अलीगढ़ ने बताया कि रबी की तैयारी हेतु कृषि निवेश मण्डल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उ0प्र0, द्वारा रबी अभियान हेतु रणनीति तथा योजनाओं को पूर्ण जानकारी दी गयी। विशेष सचिव एवं निदेशक (रेशम), उ0प्र0, द्वारा रणनीति तथा योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गयी। सचिव (कृषि), उ0प्र0 द्वारा रबी अभियान हेतु रणनीति एवं प्रगामी बिन्दुओं के बारे में जानकारी दी गयी। कृषि उत्पादन आयुक्त, उ0प्र0, शासन द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश फसल उत्पादन में अग्रणी है।
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने रबी की रणनीति व प्रगति के विस्तृत जानकारी देते हुए अवगत कराया गया कि जनपद में कृषि निवेशों की कोई कमी नहीं है। जनपद पीलीभीत एवं शाहजहांपुर में फसलों की अच्छी पैदावार होती है। पूरे देश में गेहूँ के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की भागीदारी 36 प्रतिशत है। गन्ना उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश अग्रणी है। उत्तर प्रदेश में गन्ने का औसत उत्पादन 830 कु0 है0 है जो विश्व में सबसे अधिक है। गेंहूॅ की अच्छी पैदावार करने हेतु समय से बुवाई करना अति आवश्यक है। विलम्ब से बुवाई करने पर उत्पादन घटता है। पूरे प्रदेश की एस0जी0डी0पी0 22.5 लाख करोड़ की है। जिसमें से 5.5 लाख करोड़ कृषि व कृषि से सम्बन्धित उद्योगों से प्राप्त होता है। जिसमें से 1.25 लाख करोड़ दुग्ध उत्पादन से आता है। कृषि में विविधीकरण करने की आवश्यकता है। जिससे अधिक से अधिक उत्पादन लिया जा सके।
गोष्ठी में कृषि मंत्री ने कृषकों की आय को दोगुना करने हेतु जैविक खेती करने हेतु प्रेरित किया, हरी खाद के रूप में ढैंचा की बुवाई अवश्य करें। जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोत्तरी होगी। जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी। कृषक भाईयों को फसल बीमा भी समय से करा लिया जाये। रबी फसलों के बीमा कराने के अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर, 2023 है। जिससे दैवीय आपदा से फसल को होने वाले नुकसान का मुआवजा मिल सके। गौवंश संरक्षण हेतु प्रत्येक पशु के पालने हेतु रू0 1500 प्रति माह देय है। इच्छुक कृषक मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सोलर पम्प योजना का लाभ भी कृषकों द्वारा लिया जा रहा है, जिस पर 60 प्रतिशत अनुदान देय है, इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जायें। उक्त आयोजित कार्यक्रम में कृषकों के ज्ञान में अभिवृद्धि हेतु कृषि एवं सम्वर्गीय विभागों/ संस्था के द्वारा स्टॉल/प्रदर्शनी लगाकर कृषकों को अपने विभाग से सम्बन्धित योजनाओं की जानकारी एवं तकनीकी साहित्य आदि वितरण किया गया। कृषकों की समस्याओं एवं सुझावों पर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करते हुए उनको आश्वस्त किया गया कि समय से समस्याओं का निराकरण किया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, विशेष अतिथि वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, सचिव(कृषि), विशेष सचिव, निदेशक (रेशम) उ0प्र0, निदेशक उद्यान, संयुक्त कृषि निदेशक एवं तीनों मण्डलों के मण्डलीय/जनपदीय अधिकारीगण एवं प्रगतिशील कृषक बन्धुओं ने प्रतिभाग किया।