सुल्तानपुर। मृत बेटे को न्याय दिलाने का इससे मार्मिक संघर्ष हो ही नहीं सकता। 15 दिन हो गए हैं, एक अभागा पिता अपने बेटे के शव को डीप फ्रीजर में रखकर न्याय की गुहार लगा रहा है। उसका कहना है कि उसके बेटे की हत्या की गई है। तमाम अधिकारियों के दरवाजे खटखटाए लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। हर तरफ से निराश होकर अब उसने अदालत की शरण ली है।
सुल्तानपुर जिले के कूड़ेभार थाने के सरैया मझौवा गांव के रहने वाले अवकाश प्राप्त सूबेदार शिवप्रसाद पाठक के बेटे की बीते 1 अगस्त को दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। बेटे ते शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने के लिए शिव प्रसाद पाठक जिलाधिकारी कार्यालय तक फरियाद कर चुके हैं। उधर शव न्याय के इंतजार में डीप फ्रीजर में रखा है। अब अदालत से ही उम्मीद है।
शिव प्रसाद पाठक ने बताया कि उनका बड़ा बेटा शिवांक वर्ष 2012 में दिल्ली में एक कॉल सेंटर में नौकरी करता था। उसी साल 24 अप्रैल को उसने एक व्यक्ति के साथ मिलकर टैक्सीगो नामक कंपनी खोली। कंपनी के साझेदार ने दिल्ली की ही रहने वाली एक युवती गुरलीन कौर को एचआर के पद पर नियुक्त किया था। शिवांक ने इसी युवती के साथ 2013 में शादी कर ली। शिवप्रसाद पाठक का आरोप है कि शिवांक के नाम काफी संपत्ति थी, जिस पर उक्त युवती की नजर थी। कारोबार बढ़ा तो पत्नी के तेवर भी बदलने लगे। उसके जबरदस्ती करने पर शिवांक ने उसके नाम पर दो फ्लैट, 85 लाख की एक कार, गहने आदि करवा लिये। शिवांक उसके मायके वालों की भी हर ख्वाहिश पूरी करता रहा। बेटे के शव के पास बैठे शिव प्रसाद रोते हुए बताते हैं कि पत्नी मायके वालों को कंपनी का साझेदार बनाने का दबाव बना रही थी। उनका बेटा अपनी पत्नी व उसके मायके वालों की प्रताड़ना से तंग आ गया था।
बीते 1 अगस्त को शिवांक की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। पाठक का कहना है कि उनके बेटे की हत्या की गई है। दिल्ली पुलिस ने उनके बेटे की मौत केस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया और शव को पोस्टमार्टम के बाद उन्हें सौंप दिया। शिवप्रसाद पाठक बेटे शिवांक के शव को लेकर 3 अगस्त को गांव आ गए। यहां उन्होंने कूरेभार थाने में मामला दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन उनकी एक न सुनी गई। इस पर वह डीप फ्रीजर खरीद लाये और शिवांक का शव उसमें रखकर इंसाफ के लिए लड़ाई शुरू कर दी। शिव प्रसाद पाठक के परिवार में पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां हैं। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है।