बरेली। भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एंटी करप्शन टीम) ने रोडवेज के रुहेलखंड डिपो के एक बाबू को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। पकड़े गए बाबू ने एआरएम रुहेलखण्ड के कहने पर रिश्वत लेने की बात कही है। एआरएम का नाम आने के बाद आरोपित बाबू और एआरएम रुहेलखंड के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है।
इसलिए मांगी थी रिश्वत
गिरफ्तार बाबू एआरएम रुहेलखंड का कार्यालय सहायक राजीव सक्सेना है। वह पुरानी जांच खत्म करने के एवज में डिपो के कंडक्टर कुनाल राज से रिश्वत मांग रहा था। कंडक्टर ने गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह से शिकायत की। इसके बाद टीम ने प्लानिंग बनाई। शुक्रवार को कंडक्टर को रिश्वत के लिए मांगे रुपयों के साथ भेजा। जैसे ही बाबू राजीव सक्सेना ने कंडक्टर कुनाल से 15 हजार रुपये लिए टीम ने बाबू को रंगे हाथ पकड़ लिया।
पूछताछ में सामने आया ARM का नाम
एंटी करप्शन टीम ने आरोपित बाबू से पूछताछ की। इसमें एआरएम रुहेलखंड सत्येंद्र कुमार वर्मा का नाम सामने आया। वहीं, शिकायतकर्ता कुनाल राय ने भी इंस्पेक्टर सत्येंद्र सिंह को दी शिकायत में बताया कि जांच में बचाने के एवज में एआरएम रुहेलखंड सत्येंद्र कुमार वर्मा ने ही 15 हजार रुपये मांगे थे। इसके आधार पर एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक सत्येंद्र सिंह ने आरोपित बाबू राजीव सक्सेना और एआरएम रुहेलखंड के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। कोतवाली पुलिस ने बाबू को गिरफ्तार कर मामले में जांच शुरू कर दी है।
एक मामले में शिकायत के बाद रोडवेज के बाबू राजीव सक्सेना को घूस लेते गिरफ्तार किया गया है। उसने एआरएम सत्येंद्र वर्मा के कहने पर घूस लेने की बात कही है। जांच में उनका नाम खोला गया है। उसने कई और अधिकारियों के काले कारनामे बताये हैं। -सुरेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर, भ्रष्टाचार निरोधक इकाई
भ्रष्टाचार के मामले में बरेली परिक्षेत्र के रुहेलखंड डिपो एआरएम और बाबू के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिली है। विभागीय स्तर पर भी जांच करवाकर दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। -डॉ. राजशेखर, प्रबंध निदेशक, परिवहन निगम