बरेली। पिछले वर्ष नवंबर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बरेली दौरे को यादगार बनाने के लिए अधिकारियों ने हर जतन किया। सड़कों की मरम्मत कराई, उन पर चूने का लाइनिंग करवाई, यहां तक कि स्वागत यादगार बने इसके लिए उधार के फूलें से भी गुरेज नहीं किया। उचित प्रक्रिया अपनाये बिना मंगवाए गए ये फूल अब “गले की हड्डी” साबित हो रहे हैं। जिस नर्सरी वाले ने ये फूल-पौधे दिए थे वह अपने लाखों की धनरिश को पाने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा तो अधिकारी अपनी गर्दन बचाने के लिए दूसरे के गले में फंदा डालने का खेल खेल रहे हैं। उधर सिस्टम का मारा नर्सरी संचालक पाई-पाई को मोहताज होकर बच्चों की स्कूल फीस तक नहीं जुटा पा रहा है।
दरअसल, अधिकारियों ने उधार के फूलों से मुखयमंत्री की अगवानी तो कर दी पर जब इन फूलों की आपूर्ति करने वाले ने रुपये मांगे तो जवाब मिल रहा है, “मुझसे क्या मतलब। …कुछ भुगतान तो कर दिया गया, शायद…।” अधिकारियों की इस ढिठाई से तंग आकर अब फूलों की सप्लाई करने वाली फ्लोरा नर्सरी के स्वामी बाबूराम मौर्य ने सीधे मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत की है।
नर्सरी स्वामी ने शिकायत में आरोप लगाया गया है कि नवंबर 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन पर आगवानी के लिए डिवाइडरों पर फूलों से सजावट की गई थी। इसका बिल दो लाख नौ हजार रुपये हुआ था। इस धनराशि के भुगतान को नगर निगम के अधिकारियों ने लटका दिया। इसके अलावा नगर निगम ने पिछले साल 15 अगस्त को नगर निगम के 80 वार्डों में पौधों की सप्लाई करवाई थी। इनका मूल्य करीब 30 लाख रुपये था। अधिकारियों ने खेल यह किया कि सप्लाई आर्डर न देकर शासनादेश की कॉपी दे दी। अब सप्लाई आर्डर न होने से अधिकारी भुगतान नहीं कर रहे हैं जबकि करीब 20 लाख रुपये बकाया हैं।
नर्सरी स्वामी का आरोप यह भी है कि फरवरी 2019 में नगर विकास मंत्री के आगमन पर भी फूल मंगवाए गए लेकिन उसका भी भुगतान नहीं किया गया। इसकी वजह से उचित इलाज न मिलने से उसकी पत्नी का निधन हो गया। इन सबके लिए फ्लोरा नर्सरी के स्वामी ने पूर्व नगर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव, नगर आयुक्त सैमुअल पाल एन और अपर आयुक्त ईशशक्ति कुमार सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। नर्सरी स्वामी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि इस मामले में अपर आयुक्त के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाए। साथ कहा है कि अगर उसके परिवार के साथ कोई घटना होती है या फिर उसकी बच्चों की फीस नहीं जाती है तो इसके लिए भी नगर निगम के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
नर्सरी स्वामी बाबूराम मौर्य का कहना है कि अपर नगर आयुक्त उसके पास आए और शासनादेश की कॉपी दिखाते हुए कहा कि वार्डों में पौधे लगने हैं। इस पर उसने करीब 40 हजार पौधे सप्लाई कर दिए। अब वह भुगतान के लिए वह टहला रहे हैं। उधर अपर नगर आयुक्त ईश शक्त कुमार सिंह का कहना है कि इसका उनसे कोई संबध नहीं है। अगर उद्यान प्रभारी ने पौधे लिये होंगे तो वह भुगतान करेंगे। पिछले नगर आयुक्त के कार्यकाल में पौधे लिए गए थे। उनका कुछ भुगतान भी किया गया है।
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