nandu bhaiya
बरेली लाइव से बातचीत करते नन्दू भैया।                                                                                                                 सभी फोटो –Tony

बरेली, 12 अप्रैल (विशाल गुप्ता)। श्याम भक्त भजन गायक नन्द किशोर शर्मा उर्फ नन्दू भैया को देश का माहौल चिंतित किये हुए है। वह कल यहां श्रीत्रिवटी नाथ मंदिर में श्याम प्रभु का गुणगान करेंगे। इससे पूर्व आज शाम यहां पहुंचने पर उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर बरेली लाइव से बात की। इस दौरान एक भक्त गायक की अपेक्षा वह एक चिंतक नजर आये।

बात शुरू हुई तो बातों में समाज में दिख रहे बिखराव का दर्द झलका। बोले-लोग न तो देश का महत्व समझ रहे हैं और न ही मर्यादा। वह अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जाना चाहते हैं, समझ नहीं आता। समाज में हर तरह से जहर घुल रहा है। लोगों की भावनाओं में, पर्यावरण में, लोगों के शरीर में भी स्लो प्वाइजन पहुंच रहा है। इसीलिए बीमारियां बढ़ती जा रही हैं।

nandu bhaiyaबात को और स्पष्ट करते हुए बोले पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है। हम हर सांस के साथ बीमारियां शरीर में ले जा रहे हैं। भूमिगत जलस्तर घटता जा रहा है, परिणामस्वरूप देश में जगह-जगह सूखे के हालात हैं। इसके अलावा यूरिया के रूप में हम लगातार धरती की उर्वराशक्ति का नाश करते जा रहे हैं। रासायनिक खादों और कीटनाशकों के उपयोग के अनाज हो या फल सभी के रूप में धीमा जहर हमारे शरीरों में पहुंच रहा है। इसीलिए कैन्सर जैसी भयानक बीमारियां की मार बढ़ती जा रही है।

इससे बचने के उपाय पर बोले-उपाय तो सनातन है, आसान है लेकिन अब मुश्किल होता जा रहा है। गोबर की खाद का उपयोग करें, जैविक खाद का उपयोग करें तो धरती को बंजर होने से बचाया जा सकता है। अनाज और फलों-वनस्पतियों को जहरीला होने से रोका जा सकता है। लेकिन चुनौती यही है कि गोवंश का नाश किया जा रहा है। रोजाना एक लाख गौवंश काटा जा रहा है। जब गौवंश के पशु ही नहीं होंगे तो गोबर कहां से आयेगा।

ajmera institute of media studies, bareillyइसके अलावा समाज में जहर को लेकर बोले कि भावनाएं दूषित होती जा रही हैं। अब भारत माता की जय को लेकर भी विवाद होने लगा। ओवैसी जैसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। कहा कि इसके अलावा भी जहर हैं। कहीं धर्म-सम्प्रदायवाद का जहर है। कहीं जातिवाद का जहर असर कर रहा है। लोग इन धीमे जहरों की मार से इस कदर लाचार से हो गये हैं कि कुछ लोगों की स्वार्थपूर्ति का माध्यम भर बनकर रह गये हैं।

देश में धर्मान्तरण का भी जहर घुल रहा है। पिछड़े गांवों के लोग अज्ञानता और अशिक्षा के चलते मिशनरियों के हाथों खिलौना बनते जा रहे हैं। उन्हें प्रलोभन देकर ईसाई बनाया जा रहा है। इसके लिए भी हमारी सरकारें ही दोषी रही हैं। उन्होंने गांवों पर ध्यान ही नहीं दिया। ग्रामीणों को विकास से वंचित रखा। पूर्वोत्तर के कई राज्यों की हालत इस मामलेे बेहद चिन्ताजनक है। इससे बचने को हमें अपनी संस्कृति का संरक्षण करना होगा।

nandu bhaiyaअंत में नन्दू भैया ने कहा कि यदि कैन्सर जैसी बीमारियों से बचना है तो उनके होने वाले कारणों को खत्म करना होगा। गोबर की खाद चाहिए तो गोवंश की रक्षा करनी चाहिए। लोगों को पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए वृक्ष लगाने चाहिए, ताकि सांसों में जहर न घुले। पानी जहरीला न हो इसके लिए रेनवाटर हार्वेस्टिंग पर ध्यान देना होगा। तालाबों को पटने से रोकना होगा।

अब शहरों को छोडि़ये भाई, गांवों में भी तालाब और कुंए गायब होते जा रहे हैं। कहा-भगवान कृष्ण ने जीवनभर यही तो संदेश दिया। गाय की रक्षा और सेवा करो, पेड़ों की रक्षा करो और तालाबों को जहरीला होने से बचाओ, नदियों को संरक्षण करो और आतातायियों का नाश करो।

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