बसपा के टिकट पर माननीय बनकर संसद तक का सफर तय करने वाले धनंजय का अपराध जगत और विवादों से काफी पुराना नाता रहा है। जौनपुर पुलिस ने रविवार की रात उनके जौनपुर आवास पर छापेमारी की।

जौनपुर पूर्वांचल के बाहुबली नेता व जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में पुलिस ने रविवार की रात गिरफ्तार कर लिया। अदालत के आदेश पर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

बसपा के टिकट पर माननीय बनकर संसद तक का सफर तय करने वाले धनंजय का अपराध जगत और विवादों से काफी पुराना नाता रहा है। जौनपुर पुलिस ने रविवार की रात उनके जौनपुर आवास पर छापेमारी की। पुलिस टीम ने यहां ले धनंजय संह के साथ ही विक्रम सिंह को भी गिरफ्तार किया है। मुजफ्फरनगर की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। सिंघल ने आरोप लगाया था कि धनंजय सिंह ने रंगदारी न देने पर उनका अपहरण करा लेने और जान से मार देने की धमकी दी है। इस कंपनी के पास लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से जिले में सीवर लाइन बिछाने का टेंडर है। ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने धनंजय के आवास पर छापेमारी की। पूर्व सांसद के पिछले रिकार्ड को देखते हुए और बवाल की आशंका के चलचते छापेमारी के लिए आधा दर्जन थानों की फोर्स लगाई गई थी।

अदालत के बाहर धनंजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में प्रदेश सरकार के मंत्री गिरीश चंद यादव पर व्यक्तिगत द्वेष और ठेकेदारी के विवाद में साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने एसपी की भी मिलीभगत बताई है।

धनंजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रारी विधानसभा क्षेत्र से अपनी राजनीति शुरू की। महज 27 साल की उम्र में 2002 में वह निर्दलीय विधायक चुने गए। इसके बाद वह जदयू में चले गए। बाद में वह हसपा में शामिल हो गए थे। बसपा के ही टिकट पर वह 2009 जौनपुर से लोकसभा सदस्य चुने गए।

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