बरेली लाइव न्यूज नेटवर्क, बरेलीः पूर्व सांसद राजवीर सिंह का आज गुरुवार को अपराह्न रामगंगा के चौबारी तट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि उनके पुत्र धीरेंद्र वीर सिंह उर्फ धीरू ने दी। इस दौरान राजवीर सिंह की बेटी आशी समेत उनके तमाम चाहने वाले तथा राजनीति और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग मौजूद रहे। आंवला से तीन बार भाजपा के टिकट पर सांसद रहे वरिष्ठ नेता का बुधवार को निधन हो गया था।
पूर्व सांसद की अंतिम यात्रा आज प्रातः करीब साढ़े 10 बजे उनके संजय कम्युनिटि हॉल के पास स्थित आवास से शुरू हुई और अयूब खां चौराहे पर स्थित उनके पुराने आवास पहुंची। यहां पूर्व कांग्रेस सांसद प्रवीण सिंह ऐरन समेत बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां से उनकी अंतिम यात्रा वाहनों के एक विशाल काफिले के साथ चौबारी के लिए रवाना हुई। चौबारी में दोपहर करीब एक बजे उन्हें मुखाग्नि दी गयी।
इस दौरान पूर्व सपा सांसद वीरपाल सिंह यादव, लोकतंत्र सेनानी व वरिष्ठ भाजपा नेता वीरेंद्र कुमार अटल, पत्रकार संगठन उपजा के प्रदेश अध्यक्ष निर्भय सक्सेना समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
राजवीर सिंह जनसंघ, जनता पार्टी और भाजपा में सांगठनिक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे। वह जनसंघ के सचिव, जनता पार्टी के महासचिव, उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष और भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। राजनीति के एक दौर में उनकी गिनती अटल बिहारी वाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी और कल्याण सिंह के बेहद करीबी लोगों में होती थी। एक दौर ऐसा भी या जब वह सपा में शामिल हो गये और साइकिल पर सवार होकर आंवला से चुनाव भी लड़ा। हालांकि अब वह राजनीति में सक्रिय नहीं थे पर सपा में ही बने रहे।
राजवीर सिंह का जन्म 15 अक्टूबर 1938 को हुआ था। वह 1989, 1991 और 1998 में बरेली की आंवला लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद बने। 2004 में कुछ कारणों के चलते भाजपा छोड़ दी। मुलायम सिंह यादव के कहने पर उन्होंने सपा के टिकट पर आंवला लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ा था मगर करीबी मुकाबले में जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार कुंवर सर्वराज सिंह से हार गए। इसके बाद वह राजनीतिक तौर पर सक्रिय नहीं रहे। इसकी बड़ी वजह उनका स्वास्थ्य था।
25 जून 1975 में जब भारत में इमरजेंसी (आपातकाल) लगाई गई तो इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया। उस समय राजवीर सिंह को भी जेल का मुंह देखना पड़ा था। उनके साथ बरेली से और भी कई दिग्गज नेताओं को जेल जाना पड़ा था।
बरेलीः आंवला लोकसभा क्षेत्र से तीन बार सांसद रहे लोकतंत्र सेनानी राजवीर सिंह को अंत्येष्टि से पहले दिया जाने वाला राजकीय सम्मान नहीं मिल पाया। हालांकि उनकी मृत्यु की सूचना जिलाधिकारी और एडीएम सिटी को व्हाट्सएप द्वारा लोकतंत्र सेनानी वीरेंद्र अटल ने 29 दिसंबर को ही दे दी थी।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रकाशित सरकारी गजट में प्रावधान किया गया कि लोकतंत्र सेनानी की मृत्यु की दशा में उसकी अंत्येष्टि क्रिया राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी। इसके बावजूद स्वर्गीय राजवीर सिंह को राजकीय सम्मान नहीं दिये जाने पर बरेली के लोकतंत्र सेनानियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भले ही लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करे लेकिन बरेली के जिला प्रशासन का रवैया अपमानजनक रहा है।
लोकतंत्र सेनानियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि बरेली के डीएम और एडीएम सिटी को एक दिन पूर्व सूचना देने के बाद भी लापरवाही बरती गई जो उचित नहीं है। वे प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। बरेली के लोकतंत्र सेनानियों राजेंद्र बहादुर चौधरील, वीरेंद्र कुमार अटल, सतीश शर्मा, शिशुपाल सिंह, सुमंत महेश्वरी, विनोद कुमार गुप्ता आजि ने राजकीय सम्मान न दिये जाने पर रोष जताया है। लोकतंत्र सेनानियों ने रामगंगा घाट पर पूर्व सांसद को पुष्पांजलि भी अर्पित की।
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